लखनऊ: जल भरण क्षेत्रों में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से उत्तर प्रदेश में 20 जिलों के 800 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. राहत आयुक्त कार्यालय की रविवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्त में प्रदेश के अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, पीलीभीत, प्रतापगढ़, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर तथा सीतापुर के 802 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 428 गांव का संपर्क दूसरे इलाकों से पूरी तरह कट गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक शारदा नदी पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसके अलावा राप्ती नदी बर्डघाट (गोरखपुर) में, घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान को पार कर गई है.
इस बीच प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश बाढ़ की समस्या के स्थाई तौर पर समाधान की तरफ कदम बढ़ा रहा है. बाढ़ की वजह से होने वाले लोगों के पलायन में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनवरी से ही बाढ़ की आशंका के मद्देनजर काफी सक्रिय रहे हैं. उसी का असर आज देखने को मिल रहा है कि स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में रखा जा सका है.
राजभर ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों से अगर कोई सूचना आ रही है तो हमारे जिले के अधिकारी उस पर गंभीरता से विचार करेंगे और सूचना देने वाले से संपर्क स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि बलिया में बैरिया तहसील के बकुलहा संसार टोला के तटबंध में थोड़ा सा रिसाव आया है, लेकिन हमारे गश्ती दल ने उसकी समय से सूचना दी है. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और पूरी टीम ने मिलकर उस रिसाव को बंद करा दिया.
राजभर ने बताया कि इसी तरह बैरिया तहसील में ही कोटवा सुल्तानपुर रिंग बांध में भी एकाध जगह से रिसाव की सूचना मिली है, लेकिन उसे बंद करने के लिए वहां कार्य चल रहा है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. खतरे की कोई बात नहीं है.
मंत्री ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 283 आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं. पिछले 24 घंटे में 617 लोग आश्रय स्थलों तक गए हैं जो बताता है कि अभी कोई बहुत बड़ा खतरा नहीं है और लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में 780 नौकाओं का संचालन किया जा रहा है और 715 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई है, जहां से जनता की बात सुनी जा रही है और उन्हें राहत दिलाई जा रही है.
राजभर ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मेडिकल टीमें भी मुस्तैद हैं. फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. इस बीच, प्रदेश के मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कुछ इलाकों में बारिश हुई. इस दौरान दुद्धी (सोनभद्र) और महोबा में सबसे ज्यादा पांच-पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई. अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश होने की संभावना है.
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