प्रयागराज: कानपुर शूटआउट को लेकर सियासत तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी और सांसद संजय सिंह बिकरू कांड को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. बुधवार को संजय सिंह ने कहा कि कानपुर में तीन जुलाई को हुई घटना एक गहरी साजिश और पुलिस और नेताओं की मिलीभगत से एक समानांतर सरकार चलाने का मामला है. प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराएं.
सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि, 'ऐसा कोई एक इलाका नहीं है, बल्कि ऐसे कई इलाके हैं जहां अपराधी अपनी समानांतर सरकार चला रहे हैं. इसलिए अपराधी, नेता और पुलिस का जो गठजोड़ है उसे उजागर कर और उस पर कार्रवाई करके ही उत्तर प्रदेश में अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है.' उन्होंने कहा कि 'अभी तक हमने पढ़ा कि विकास दुबे के खिलाफ 60 से अधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन देवेंद्र मिश्रा का पत्र बताता है कि उसके खिलाफ 150 मामले दर्ज हैं. अगर 150 मामले दर्ज हैं तो एक अपराधी खुले आम कैसे घूम रहा था.'
संजय सिंह ने कहा कि, 'इस घटना में मारे गए डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा की बेटी से मैं मिला और उसने 14 मार्च का वह पत्र दिखाया जो देवेंद्र मिश्रा ने कानपुर के तत्कालीन एसएसपी को लिखा था. उस पत्र में लिखा था कि इस कुख्यात अपराधी के खिलाफ 150 मामले दर्ज हैं और थानाध्यक्ष विनय तिवारी के साथ इसकी साठगांठ है. यह पूरे क्षेत्र में अपराध को बढ़ावा दे रहा है.. हमारे साथ कोई गंभीर घटना घटित हो सकती है.'
आप नेता ने कहा कि 'ऐसे कई पत्र देवेंद्र मिश्रा ने पुलिस अधिकारियों को लिखे. पुलिस का डिप्टी एसपी रैंक का अधिकारी यदि तीन माह पहले 14 मार्च को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को यह सूचित कर रहे हैं तो उस पर पुलिस प्रशासन मौन क्यों बैठा रहा.. योगी सरकार खामोश क्यों रही. कहीं न कहीं विभाग के विभीषणों ने ही विकास दुबे का साथ दिया. उन्होंने कहा कि, 'पुलिस के जो भी अधिकारी इसमें शामिल हैं..चाहे वो अनंत देव तिवारी हों या विनय तिवारी हों, उनके खिलाफ भी अपराधियों जैसी कार्रवाई होनी चाहिए.'
प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने में योगी सरकार को विफल बताते हुए संजय सिंह ने कहा कि, 'उत्तर प्रदेश में पर्याप्त संख्या में जांच नहीं हो रही है और योगी जी खतरे पर पर्दा डालने की कार्रवाई कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'प्रदेश की आबादी 24 करोड़ है और सरकार एक दिन में 25,000 जांच कर रही है, जबकि ढाई करोड़ की आबादी वाले दिल्ली में एक दिन में 23,000 जांच की जा रही है. हम (दिल्ली की आप सरकार) अब तक 6,40,000 जांच कर चुके हैं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सिर्फ 8,55,000 जांच की है. प्रदेश के सभी 75 जिलों में कम से कम एक लैब की व्यवस्था योगी सरकार करे.'
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