संत कबीर नगर जिले से बखिरा थाना क्षेत्र के एक गांव की पीड़िता आज इंसाफ के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक के पास पहुंची, ताकि उसके साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदों पर कानून का शिकंजा कस सके. लेकिन कानून है कि अपने कान में तेल डाल चुका है. अंत में इस बेटी की आवाज को अनसुना कर दिया है. पीड़ित किशोरी का आरोप है कि लगभग 1 माह पूर्व गांव के ही 3 युवकों ने जबरन उसको रास्ते से खींच कर बलात्कार किया और जान माल की धमकी भी दी. पुलिस ने शुरू से ही इस मामले में हीला हवाली की और पीड़ित किशोरी की शिकायत के बाद भी उसका मेडिकल 1 हफ्ते के बाद कराया. इसके बाद जब f.i.r. की बारी आई तो पुलिस ने 10 दिन के बाद पीड़िता की शिकायत पर तीनों दरिंदों के खिलाफ रेप की धाराओं में बखिरा थाने में मुकदमा पंजीकृत किया.
कानून से जबरन उसका काम करवाया गया जैसे मानो वह कानून का पालन करने के लिए नहीं बल्कि कानून का उल्लंघन करने के लिए बैठे हो. पीड़ित किशोरी बार-बार अपनी अस्मत और आबरू लूटने वाले दरिंदों को सलाखों के पीछे भेजने की गुहार लगाती रही लेकिन खाकी है कि उसकी सेहत पर कोई असर ही नहीं पड़ा. आज 1 महीने बीतने को है, पीड़ित किशोरी और उसकी मां की आंखों के आंसू बताते हैं कि उसके साथ किए गए अत्याचार के बाद कानून ने भी उसके साथ मजाक किया और सिर्फ कागजी घोड़े दिखाकर उसका मानसिक उत्पीड़न किया.
बरहाल इस मामले को लेकर आज पीड़ित किशोरी और उसकी मां ने पुलिस उपमहानिरीक्षक एके राय से मिलकर इंसाफ मांगा जिसके बाद डीआईजी ने तत्काल स्थानीय थाने से जानकारी हासिल करने के बाद आश्वान दिया कि इस मामले में जो भी गुड़ दोष सामने आएंगे उसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.