Rajasthan Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान की एक निचली अदालत ने हिंदू पक्ष की उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है, जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है. इस बीच इस मामले पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए. बीजेपी सिर्फ झगड़ा लगाना जानती है, दरगाह में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि भारी संख्या में हिंदू भी जाते हैं.


संजय सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में कहा, "सुप्रीम कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि 1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट है, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि 15 अगस्त 1947 के बाद का स्ट्रक्चर या पहले का स्ट्रक्चर फिर वो चाहे किसी धर्म का हो उसमें कहीं से कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है. अगर अब इससे शुरुआत हो जाएगी तो कभी कोई मस्जिद के नीचे कहेगा यहां मंदिर था, तो कभी कोई मंदिर के नीचे कहेगा यहां मस्जिद थी, तो पूरे देश में यह झगड़ा हो जाएगा."


सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए- संजय सिंह
उन्होंने कहा, "ऐसे में मुझे लगता है कि वक्फ बिल वाली बात से भी पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी देशभर में झगड़ा कराना चाहती है. इसलिए मैंने इस पार्टी का नाम भारतीय झगड़ा पार्टी रखा है. इनको देशभर में झगड़ा कराना है और अमन चैन बिगाड़ना है. अगर ये लोग देश के ताने बाने को ही बिगाड़ने में लगे हुए हैं, जहां पर बीजेपी सरकार है तो ये बहुत गंभीर बात है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए और इसपर रोक लगाना चाहिए."  


वहीं सदन में लगातार हो रहे हंगामे और वक्फ बिल के प्रस्ताव को लेकर संजय सिंह ने कहा, "हम लोगों ने स्पीकर साहब से मुलाकात की थी और उन्होंने हमें आश्वस्त किया था कि 15 दिन में हम एक बार चेयरमैन को मीटिंग बुलाने के लिए कहेंगे. साथ ही जो समय निर्धारित किया गया था 29 नवंबर तक रिपोर्ट देने का, क्योंकि बहुत सारे पक्षों ने अपनी राय नहीं रखी है, जेपीसी के सामने इसलिए समय को बढ़ाया जाएगा. मुझे लगता है कि इस तरह का प्रस्ताव आना चाहिए."


अदाणी मामले पर क्या बोले संजय सिंह?
अदाणी मामले पर उन्होंने कहा, "इस मामले में सरकार को जवाब देना होगा. उन्हें 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत खिलाई गई है और ये रिश्वत किसी दूसरे काम के लिए सिर्फ मंहगी बिजली बेचने के लिए खिलाई गई. ये जनता से जुड़ा हुआ सवाल है, जिसका सबूत है, तो इसकी जांच क्यों नहीं होनी चाहिए. अगर अमेरिका से अरेस्ट वारंट जारी हो रहा है तो भारत में गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है. आखिर नुकसान तो देश के लोगों का हो रहा है."



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