दिल्ली, एबीपी गंगा। कृषि से संबंधित बिलों को लेकर देश में विरोध बढ़ता ही जा रहा है. एक के बाद एक राजनैतिक दल और नेता इसके विरोध में खड़े हो रहे हैं. अब तक इस मुद्दे पर मौन अखिलेश यादव ने भी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने इन बिलों का विरोध जताया है. अखिलेश ने इन्हें शोषणकारी बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये बिल किसानों को अपनी ही जमीन पर मजदूर बना देंगे.


अखिलेश ने इस बारे में ट्वीट के जरिए अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार खेती को अमीरों के हाथों गिरवी रखने के लिए शोषणकारी विधेयक लाई है. ये खेतों की मेड़ तोड़ने का षड्यंत्र है और साथ ही एमएसपी सुनिश्चित करनेवाली मंडियों के धीरे-धीरे खात्मे का भी. भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वो अपनी ही ज़मीन पर मज़दूर बन जाएंगे.'





मायावती ने भी किया है विरोध
गौरतलब है कि कृषि संबंधी बिलों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने इन बिलों का विरोध किया है. साथ ही कहा है ये सरकार को सोचना चाहिए कि देश का किसान क्या चाहता है.


कांग्रेस पहले से विरोध में
कृषि संबंधित इन बिलों को लेकर कांग्रेस पार्टी पहले से ही विरोध जताती आ रही है. कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी और अब समाजवादी पार्टी ने भी कृषि बिलों का विरोध जताया है.


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