प्रयागराज. पिछले कई महीनों से परिवार समेत जेल में बंद रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आज़म खान को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आज़म खान के परिवार के ड्रीम प्रोजेक्ट हमसफ़र रिसॉर्ट को गिराए जाने के आदेश पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने रिसॉर्ट को गिराए जाने के रामपुर विकास प्राधिकरण के आदेश को गलत मानते हुए उसके अमल होने पर रोक लगा दी है.


ध्वस्तीकरण पर रोक


अदालत ने आज़म खान के परिवार को इस आदेश के खिलाफ अपील करने की छूट दे दी है. जब तक अपील पर कोई फैसला नहीं आ जाता, तब तक रामपुर विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक जारी रहेगी. प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ आज़म खान की पत्नी और विधायक डा० तंजीन फातिमा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. हाईकोर्ट में जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने आज अर्जेन्ट बेसिस पर इसकी सुनवाई की.


जिला पंचायत से पास कराया था नक्शा


गौरतलब है कि आज़म खान के परिवार का हमसफ़र रिसॉर्ट रामपुर में जिस जगह पर है, वह पहले जिला पंचायत के दायरे में आती थी. साल 2014 में आज़म की पत्नी तंजीन फातिमा ने इसका नक्शा जिला पंचायत से पास कराया था. बाद में यह जगह विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आ गई थी. करीब दस दिन पहले 28 अगस्त को रामपुर विकास प्राधिकरण ने एक नोटिस जारी करते हुए आज़म के परिवार को जिला पंचायत द्वारा मंजूर किया गया नक्शा रद्द किये जाने की जानकारी दी.


अपील की मोहलत दी


नोटिस में कहा गया कि रद्द करने के बाद इस रिसॉर्ट का अब कहीं कोई नक्शा मंजूर नहीं है, इसलिए इसे पंद्रह दिनों में गिरा दिया जाएगा. नोटिस में यह चेतावनी दी गई थी कि आजम का परिवार इस रिसॉर्ट को पंद्रह दिनों में खुद ही ध्वस्त कर दे, वरना प्राधिकरण इसे जबरन गिरा देगा. नोटिस में यह भी कहा गया कि अपील सुनने वाली अथॉरिटी भी आरडीए के इस कदम से सहमत है. अदालत ने इसे सही नहीं माना और ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगा दी. अदालत ने आज़म के परिवार को दस दिनों में प्राधिकरण के फैसले को मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर की कोर्ट में अपील करने की मोहलत भी दी है. हाईकोर्ट में आज़म के परिवार का पक्ष एडवोकेट सफदर काज़मी ने रखा.


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