कहते हैं कि खेल त्याग और मेहनत मांगता है और अर्जुन अवॉर्ड को प्राप्त करने वाले विशेष भृगुवंशी सुबह चार बजे उठकर मैदान में होते थे. इस मेहनत के बल पर पहले बास्केटबॉल खेले और उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारतीय टीम की कप्तानी की कमान जब से संभाली तब से भारतीय बास्केटबॉल टीम ने साउथ एशियन खेल 2019 में स्वर्ण पदक जीता. विशेष ने अब तक 45 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगभग 200 से ज्यादा मैच खेले हैं. इनमें 10 स्वर्ण पदक दो रजत पदक तथा एक कांस्य पदक प्राप्त किया है. वहीं राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विशेष रघुवंशी ने अब तक 900 पदक तीन रजत पदक तथा तीन का पदक हासिल किया है.
पिता बनाना चाहते थे शिक्षक
विशेष के पिता यूपी कालेज में शिक्षक थे और अपने बेटे को शिक्षक बनाना चाहते थे, लेकिन विशेष का मन खेल भावना से प्रेरित था. पिता ने हुनर देखा और यही वो दिन थे, जब विशेष ने अपनी प्रैक्टिस शुरू की और आज खेल के सबसे बड़े अवॉर्ड को अपने नाम कर लिया है.
घर में खिलाई जा रही मिठाईयां
काशी के अंतरर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी तथा भारतीय पुरुष टीम के कप्तान की विशेष भृगुवंशी को सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाना है. जिसके बाद उनके वाराणसी के भुनेश्वरनगर स्थित आवास पर खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है. परिवार के सदस्यों द्वारा एक दूसरे को मिठाई खिलाकर विशेष को अर्जुन अवार्ड मिलने पर सरकार को धन्यवाद दे रहे है. विशेष की माता वीना रानी ने कहा जियो मेरे लाल वहीं पिता प्रमोद कुमार सिंह का सीना आज गर्व से चौड़ा है और वो आज अपने बेटे को बधाईयां देते फूले नहीं समा रहे हैं.