घाटी में पोस्टेड सैनिकों को डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आर्मी ने कश्मीर यूनिवर्सिटी के साथ समझौता ज्ञापन साइन किया है. इस समझौते के बाद अब घाटी के सैनिक डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई कर सकेंगे. आर्मी के जवानों को जो कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे उनमें 6 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर क साल के डिप्लोमा और दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स शामिल है.


यह एमओयू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो तलत अहमद और चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे के बीच गांधी हॉल, यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर में साइन किया गया. उन्होंने कहा कि यह यूओके, श्रीनगर और चिनार कॉर्प्स के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जिन्होंने वर्तमान में कश्मीर में सर्विस दे रहे सैनिकों के लिए डिस्टेंस एजुकेशन प्रोग्राम की व्यवस्था के लिए लांग टर्म रिलेशनशिप बनाए हैं.


कितने कोर्स हैं उपलब्ध –


इस बारे में बात करते हुए वहां के एक प्रवक्ता ने बताया कि, वर्तमान में आर्मी परसोनेल के लिए 18 कोर्स उपलब्ध हैं, जिसे भविष्य में बढ़ाया जाएगा. एमओयू पर फॉर्मल सिग्नेचर के बाद, प्रोफेसर अहमद ने वहां बैठे लोगों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की कोर वैल्यूज पर जोर दिया और ये भी कहा कि आने वाले समय में इस समझौते का लांग टाइम बेनिफिट्स को समझा जाएगा. इससे कश्मीर में तैनात सैनिकों को बहुत से फायदे मिलेंगे.


सैनिकों को मिलेगी पढ़ाई की सुविधा –


इस बारे में लेफ्टीनेंट जनरल पांडे ने कहा कि ये शिक्षा के क्षेत्र में माइलस्टोन साबित होगा. जिससे यहां तैनात सैनिकों को शिक्षा का अवसर मिलेगा और चुनौतीपूर्ण माहौल में उनसे निपटने की शक्ति भी. उन्होंने कश्मीर यूनिवर्सिटी के कल्चर, वहां के हेरिटेज और एकेडमिक्स की भी तारीफ की.


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