अयोध्या, एबीपी गंगा। राम नगरी अयोध्या में 2 वर्ष पूरे होने में बाद भी विश्व की सबसे ऊंची 251 मीटर की भगवान श्री राम की प्रतिमा लगाए जाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है. किसानों के विरोध के कारण अभी तक अधिकारी भूमि अर्जन नहीं कर सके हैं.


गौरतलब है कि राम नगरी अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव के आयोजन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाई जाने की घोषणा की थी. जिसके तहत अयोध्या की माझा बरहटा क्षेत्र में 100 एकड़ की भूमि पर बनाये जाने की योजना थी.


किसानों का जमीन देने से इनकार
सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को लेकर कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी. हालांकि, भूमि अधिअर्जन में किसानों ने उचित मुआवजा न मिलने का आरोप लगाते हुए जमीन देने से इनकार कर दिया. इसके बाद यह योजना भी कागजों तक ही सीमित रह गई लेकिन एक बार फिर इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को भूमिअर्जन के लिए निर्देशित किया है. जिसके बाद फिर अधिकारी किसानों के बीच पहुंच रहे हैं. हालांकि, इस दौरान अधिकारियों के बीच समन्वय नहीं बन पा रहा है.


सर्किट रेट को लेकर विवाद
माझा बरहटा के किसानों के मुताबिक कोर्ट के निर्देशानुसार बिना सहमति के भूमि अर्जन नहीं किया जा सकता. जिसके लिए लगातार अधिकारी से सहमति को लेकर वार्ता की जा रही है. किसानों की भूमि को उचित मुआवजा ना देने के कारण यह सहमति नहीं बन सकी है. लोगों की मांग है कि 2017 के सर्कल रेट बढ़ाते हुए वर्तमान समय के अनुसार सर्कल रेट से चार गुणा मुआवजा मिलना चाहिए. हालांकि, अधिकारी अभी तक ये साफ नहीं कर पाए हैं कि किस रेट के तहत मुआवजा मिलेगा.


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