दिल्ली, एबीपी गंगा। बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने माना कि घटना अचानक हुई. यह कोई सुनियोजित घटना नहीं थी. सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने ये फैसला सुनाया. उन्होंने माना कि घटना के पीछे आरोपियों का हाथ नहीं है. इसके साथ ही जज सुरेंद्र कुमार यादव आज सेवानिवृत्त भी हो गए. सुरेंद्र कुमार यादव को 5 साल पहले बाबरी विध्वंस केस में स्पेशल जज नियुक्त किया गया था.


गौरतलब है कि इस मामले में फैसला सुनाने वाले जज को एक बार सेवा विस्तार मिला. बताते चलें कि पिछले साल अगस्त में जज सुरेंद्र कुमार यादव रिटायर हो रहे थे लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें 11 महीने का अतिरिक्त समय और दिया गया. इस तरह वे अब रिटायर होंगे.


तबादला भी रोका
जज सुरेंद्र कुमार यादव को सिर्फ सेवा विस्तार ही नहीं मिला बल्कि इस मामले के चलते उनका तबादला भी रद्द किया गया. दरअसल, सुरेंद्र कुमार एडीजे के तौर पर मामले की सुनवाई कर रहे थे तो उन्हें प्रमोट कर जिला जज बनाते हुए उनका तबादला बदायूं कर दिया गया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र यादव का तबादला रद्द कर दिया.


तीन बार बढ़ा कोर्ट का टाइम
सेवा विस्तार और तबादला रोके जाने के अलावा बाबरी मामले में कोर्ट को भी अतिरिक्त वक्त दिया गया. मामले में सुनवाई कर रही कोर्ट को तीन बार टाइम दिया गया. सबसे पहले 19 अप्रैल 2017 को कोर्ट को 2 साल का अतिरिक्त वक्त दिया गया. लेकिन जब 19 अप्रैल 2019 तक भी मामले में फैसला आता नहीं दिखा तो फिर से 9 महीने के लिए कोर्ट का वक्त बढ़ाया गया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2020 तक फैसला सुनाने के निर्देश दिए. जब लगा कि ऐसा भी नहीं हो पाएगा तो सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी बार 30 सितंबर 2020 तक फैसला सुनाने के आदेश दिए गए. जिसके बाद आज सुरेंद्र यादव ने फैसला सुना दिया.


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