बाराबंकीः पूरे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं. वहीं, केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के जांच का दायरा बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों में कोरोना किट की खरीद करके घर-घर जाकर लोगो की जांच का सिलसिला शुरू कर दिया है. जिसके लिए कोरोना किट में पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मामीटर की कीमत 2800 रुपये निर्धारित की गई लेकिन दूसरी तरफ कोरोना किट की खरीद में बड़ी धांधली देखने को मिली है. ग्राम पंचायतों में ये किट 8 हजार रुपये में खरीदी गई है, जिसका भुगतान भी कर दिया गया है.
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ से सटे जनपद बाराबंकी में कुल 1166 ग्राम पंचायतें हैं. सभी ग्राम पंचायतों में प्लस ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर ग्राम प्रधान के द्वारा खरीद कर क्षेत्र की एएनएम और आशा बहुओं को दी जानी है. जिले की 100 ग्राम पंचायतों में कोरोना किट खरीद का भुगतान किया जा चुका है. जो कि निर्धारित मूल्य 2800 से बढ़कर 8 हजार पर किया गया है. जिसका खुलासा एडीओ पंचायत की जांच में हुआ है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिले की बाकी ग्राम पंचायतों का भुगतान अभी रोक दिया गया है. इस कोरोना किट खरीद धांधली पर जिम्मेदार अपना अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
कोरोना किट में धांधली
पूरे प्रदेश में कोरोना किट खरीद की धांधली से हड़कंप मचा हुआ है. बाराबंकी में कोरोना किट खरीद में हुई धांधली को लेकर जिम्मेदार अधिकारी भुगतान को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बाराबंकी के जिला पंचायतीराज अधिकारी रण विजय सिंह ने बताया कि कोरोना किट की कीमत 2800 रुपये ही है और वो ग्राम पंचायत के द्वारा ही खरीदी की गई है. अब तक 92 ग्राम पंचायतों में भुगतान किया गया है, बाकी का भुगतान नहीं किया गया है.
एसआईटी जांच के आदेश
दूसरी तरफ बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीकेएस चौहान से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना किट खरीद से स्वास्थ्य विभाग का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना किट डीपीआरओ और नगर पालिका परिषद के द्वारा खरीद कर एएनएम और आशा बहुओं को दिया गया है. फिलहाल ग्रामपंचायतों में कोरोना किट की खरीद में हुई धांधली को लेकर कोई भी अधिकारी खुलकर कुछ भी बताने से कतराता नजर आ रहा है. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे प्रकरण में एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. देखने वाली बात ये होगी कि आखिर 2800 की कोरोना किट 8 हजार में क्यों खरीदी गई.
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