बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की पुलिस अब लोगों की सुरक्षा करने के साथ ही जिले में अवैध शराब धंधों में संलिप्त लोंगो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार का प्रशिक्षण दे रही है. इसके लिए मधुमक्खी पालन और मोमबत्तियां बनाना सिखाया जा रहा है. जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने जिले के थाना और पुलिस चौकियों के परिसर में भी मधुमक्खी पालन की शुरुआत की है. जिससे पुलिस विभाग को भी इससे लाभ मिले और इससे होने वाले फायदे से पुलिस थाना और जर्जर पड़े पुलिस चौकियों की मरम्मत भी हो सके. एसपी तमाम ऐसे परिवारों को भी प्रशिक्षण दिलवा रहे हैं, जो परिवार शराब के अवैध धंधों में संलिप्त थे. बाराबंकी पुलिस की इस अच्छी पहल से बेरोजगार मधुमक्खी पालन कर रोजगार पा रहे हैं. एसपी ग्राम पंचायतों के अपने चौकीदारों को मधुमक्खी पालन से शहद के जरिये उनकी आर्थिक स्थित भी मजबूत करने में लगे हैं


एसपी ने बताया कि अवैध शराब बनाने और बेचने के लिये कुख्यात 02 ग्राम सभाओं के करीब 10 गांव शामिल हैं. इसमें कजियापुर, मल्लाहनपुरवा, ग्राम चैनपुरवा, ग्राम गड़रियनपुरवा, ग्राम रैदरमऊ, जैदपुर, मधवा जलालपुर, भैरमपुर, गनेशपुर और इब्राहिमपुर शामिल हैं. ये सभी गांव पिछले करीब 15 वर्षों से अवैध शराब के धन्धे के दलदल में फंसे हुए हैं. रात के अंधेरे में पुलिस की दबिश, कच्चे माल (लहन) की तोड़-फोड़, अवैध शराब की बरामदगी, सोते हुए बच्चों में दहशत, परिवारों में भगदड़ और पुरूषों की गिरफ्तारी गांव की लगभग हर हफ्ते की कहानी है. दर्जनों नई उम्र के लड़के इसी अवैध शराब का सेवन करते हुये मौत के मुंह में समा गए. इसके अलावा बहुत से लोग नर्वस सिस्टम कुप्रभावित होने के कारण अपाहिज हो गये.


अकेले एक गांव में 29 विधवा
उल्लेखनीय है कि 80 परिवारों के चैनपुरवा गांव में 29 विधवाएं हैं. जिनकी आपबीती सुनकर दिल कांप उठता है. एसपी ने बताया बाराबंकी पुलिस ने मिशन 'कायाकल्प' के तहत चैनपुरवा के 100 प्रतिशत परिवारों को प्रेरित करते हुए उन्हें रोजगार के नये अवसर देकर परिवर्तन करने का संकल्प ले लिया है. इसके लिये जनपद के मशहूर 'मधुमक्खीवाला' निमित सिंह के साथ चैनपुरवा गांव में महिलाओं का एक स्वयं-सहायता समूह बनाकर मधुमक्खी पालन और मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देकर उत्पादन का काम शुरू करा दिया गया है.


दो दर्जन विभागों ने लगाए कैंप
पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी प्रत्येक रविवार को गांव में पुलिस चौपाल लगाकर उनकी समस्याओं को नजदीक से देख रहे हैं और उनके समाधान के लिये प्रयास में लगे रहते हैं. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह और मुख्य विकास अधिकारी मेधा रूपम ने उक्त गांव को स्मार्ट विलेज योजना के अन्तर्गत चिन्हित कर राज्य सरकार के लगभग दो दर्जन विभागों को मौके पर कैम्प लगवाकर गांव में परिवर्तन लाने का संकल्प लिया है. एसपी की पहल पर पुलिस लाइन्स ग्राउण्ड में 10 बॉक्स रखवाने का भी निर्णय लिया गया है.


सर्वे के बाद मधुमक्खी पालन
जिले के लोंगो को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दे रहे प्रशिक्षक निमित सिंह को जनपद के 23 थानों का सर्वे कर उपयुक्तता के आधार पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट देने को कहा गया है. कम से कम 18 थानों में पर्याप्त स्थान और उपयुक्त वातावरण है. ऐसी पहल करने पर एक ओर पुलिस विभाग द्वारा चलाई जा रही संस्था वामा सारथी की ओर से शुद्ध शहद की भेंट दे सकेंगे और दूसरी ओर थाना परिसर के रख-रखाव का एक फण्ड भी उपलब्ध हो सकेगा. उक्त कार्ययोजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु चिन्हित थानों के 3-4 उत्साही एवं युवा चौकीदारों को चिन्हित कर मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा. जो इस रख-रखाव का कार्य करेंगे. इससे होने वाले फायदे से पुलिस विभाग का और फंड बढ़ेगा पुलिसिंग के लिए अच्छे कार्यों में ये फंड इस्तेमाल होगा.


उत्पादन का टारगेट 40 टन
मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दे रहे निमित सिंह की कम्पनी के उत्पादन का टारगेट 40 टन है. जिसके लिये उनकी संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, बंगाल, राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश में कॉपरेटिव के आधार पर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. जिले के अलग-अलग थाना परिसरों में उनके द्वारा लगाए गए कुटीर उद्योग और फैक्ट्री उद्यमकर्मियों के बीच कौतूहल का विषय बनी हुई है.


एसपी ने कहा निमित सिंह एक नई सोच और दृढ़ विश्वास के युवा हैं, जो अपनी पहल से लोगों को अपने साथ जोड़ रहे हैं. वे उन्हें बेहतर करने के लिये प्रेरित कर रहे हैं. साथ ही शराब के अवैध धंधों में संलिप्त परिवार पुलिस की इस सकारात्मक पहल की तारीफ करते नहीं थक रही है. पुलिस अब उनके घरों में दबिश के नाम पर उत्पीड़न नहीं करेंगी बल्कि अब उनके रोजगार को बढ़ावा दे, उनके बच्चों का भविष्य संवारेगी.


ये भी पढ़ेंः


प्रयागराजः कोरोना पर हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख, केंद्र और आईसीएमआर से मांगा जवाब

UP: हाथरस गैंगरेप पीड़िता ने दिल्ली के अस्पताल में तोड़ा दम, गांव के ही चार लोगों ने बनाया था हवस का शिकार