(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bastar: कम बारिश से खेतों में पड़ी दरार, अब 'ब्लास्ट कीट' बने आफत! फसलों को हो रहा भारी नुकसान
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में इस साल मानसून के मौसम में भी सूखे की स्थिति रही जिस वजह से खेतों में दरार पड़ गई. इस स्थिति में जो फसलें उगी थीं उनमें कीड़े लग गए हैं.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) जिले में किसानों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही है. पहले ही इस साल कम बारिश (Rain) की वजह से कई किसानों के खेतों में दरार पड़ गए हैं और कुछ जगहों में बारिश भी हुई और फसल भी उगने लगे हैं और ऐसे में अब ब्लास्ट कीट (blast Fungus) का प्रकोप इन फसलों में मंडराने लगा है. खासकर जिले के बस्तर और बकावंड ब्लॉक के किसानों के खेतों में ब्लास्ट कीट के प्रकोप ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है और यह प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है जिससे किसान काफी चिंतित है और विभाग के अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
किसानों ने बताया कि इस साल पहले ही बस्तर में कम बारिश की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है, कई इलाकों के किसानों के खेतों में दरारें पड़ गए हैं और अब कुछ जगह में जहां फसल उगना शुरू हुआ है और ऐसे में धान निकलने के सयम बदरा छाए रहने से पौधों में ब्लास्ट चितरी कीड़ा और माहों का प्रकोप शुरू हो गया है. खराब मौसम को लेकर फिर से किसानों की चिंता बढ़ गई है.
सब्जी की फसलों को भी हो रहा नुकसान
किसानों ने बताया कि केवल धान ही नहीं बल्कि सब्जी की फसल भी इस कीट के प्रकोप की वजह से खराब होने लगी है. हर दिन दोपहर में 1 घंटे धूप खिलने के बाद शाम को फिर से मौसम खराब हो रहा है, इधर फसलों में कीट प्रकोप होने के कारण किसान आए दिन खेतों में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहे हैं ताकि धान की फसल को बचाया जा सके, लेकिन इससे उतना फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है. किसानों ने अधिकारियों से मांग की है कि इस कीट के प्रकोप से बचाव के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएं.
कृषि विभाग की टीम कर रही निरीक्षण
इधर, बस्तर जिले के कृषि उपसंचालक राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि बस्तर जिले के बकावंड और बस्तर ब्लॉक के किसानों के फसलों में कीट के प्रकोप की लगातार शिकायत मिल रही है और कई किसानों के फसलों को भी इससे नुकसान पहुंचा है. ऐसे में विभाग एक टीम बनाकर जिसमें सभी कृषि अनुविभागीय अधिकारी, कृषि विस्तार अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक हैं, उनकी मदद से जिन जगहों में ज्यादा कीट का प्रकोप है और फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहां इस टीम को निरीक्षण करने को कहा गया है. साथ ही बचाव के लिए भी कहा गया है. किसानों को यह सलाह भी दी गई है कि कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा बताए कीटनाशक का ही इस्तेमाल करें.
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