Kawasi Lakhma News: बस्तर के लोकप्रिय नेता और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ नक्सलियों की नाराजगी लगातार देखने को मिल रही है. कुछ दिन पहले ही उनके विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने गांव में हुए हवाई बमबारी को लेकर कवासी लखमा पर नाराजगी जाहिर की थी. जिसके बाद नक्सलियों ने भी एक पर्चा जारी कर कवासी लखमा पर आदिवासी संस्कृति को हिंदू करण करने का आरोप लगाया था. साथ ही भगवा वस्त्र पहनने पर भी ऐतराज जताया है.


जारी किया गया ये पर्चा दक्षिण बस्तर सब जोनल प्रवक्ता और हार्डकोर ईनामी नक्सली समता ने जारी किया है. अपने पर्चे में नक्सली कमांडर समता ने कहा है कि कवासी लखमा बस्तर के मड़ई- मेले  में शामिल होकर आदिवासी संस्कृति का हिन्दुकरण करने में लगे हुए हैं. गांव में जो भी आयोजन किए जा रहे हैं उसमें वे भगवा वस्त्र पहनकर शिरकत कर रहे हैं और आदिवासियों के आयोजनों के तौर-तरीकों को हिन्दू रीति-रिवाज के रूप बदलने की कोशिश में लगे हुए हैं.


कवासी लखमा को दी चेतावनी
नक्सलियों ने अपने पर्चे के माध्यम से आबकारी मंत्री कवासी लखमा को चेतावनी दी है कि वे अपनी इन हरकतों को बंद कर दें, वरना नक्सली  संगठन, सर्व आदिवासी समाज समेत बस्तर के समस्त आदिवासी संगठन के लोग मंत्री के सभी आयोजनों और कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे. नक्सलियों ने अपने पर्चे में लिखा है कि देश में बीजेपी और उसकी सरकारें आदिवासी संस्कृति के हिन्दुकरण करने की कोशिशों में तेजी ला रही हैं. आदिवासियों, दलितों और मुसलमानों को घर वापसी के नाम पर जबरन हिन्दू बनाया जा रहा है, जनगणना और एनपीआर से संबंधित पंजियों में आदिवासियों को अपनी धर्मिक स्थित स्पष्ट करने का कोई कॉलम नहीं दिया गया है, जो गैर-संवैधानिक है.


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लखमा बेच रहे पूंजीपतियों को बस्तर की संपदा
नक्सली संगठन का आरोप है कि कवासी लखमा उद्योग मंत्री की हैसियत से देश और विदेश के पूंजीपतियों के साथ निवेश सम्मेलनों को आयोजित करते हुए बस्तर की संपदा को बेचने में लगे हुए हैं. सरकार बनने से पहले लखमा ने आदिवासियों से कई वायदे किए थे, लेकिन सत्ता में आते ही कवासी लखमा आदिवासियों के दमन में भागीदार बन गए हैं.  झूठे मुठभेड़ों, नरसंहार जैसी घटनाओं को अंजाम देने का काम लगातार चल रहा है. नक्सलियों ने कहा कि अगर इन सब चीजों को यहीं नहीं रोका गया तो मंत्री कवासी लखमा का विरोध जोर शोर से किया जाएगा.


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