बिहार: पुल निर्माण निगम का दावा- अज्ञात लोगों ने जेसीबी मशीन से सड़क को काटा, दर्ज कराई FIR
वहीं इस बीच तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर निशाना साधा. तेजस्वी ने कहा कि भ्रष्ट सरकार अब ग्रामीणों पर ही केस दर्ज करा रही है.
पटना: सत्तर घाट से दो किलोमीटर दूर एक पुलिया के अप्रोच रोड के पानी के दबाव में बह जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है. गोपालगंज ज़िले के बैकुंठपुर थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं. एक एफआईआर बिहार पुल निर्माण निगम के परियोजना अभियंता मोहित कुमार गुप्ता के द्वारा दर्ज कराई गई है. एफआईआर के मुताबिक सड़क को अज्ञात लोगों के द्वारा जेसीबी मशीन से काटा गया.
परियोजना अभियंता कार्य अवर प्रमंडल चंपारण मोतिहारी विरापुनिलि के मोहित कुमार गुप्ता ने थानाध्यक्ष को आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराते हुए कहा है कि पूर्वी चंपारण जिले के अंतर्गत चकिया केसरिया सत्तर घाट पर 27 वें किलोमीटर में गंडक नदी पर 24 * 60 मीटर आकार का नवनिर्मित उच्च स्तरीय आरसीसी पथ, पहुंच पथ में बाढ़ के पानी के अत्यधिक दबाव के कारण अज्ञात लोगों के द्वारा पहुंच पथ को काटने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के संबंध में प्रासंगिक विषय के संबंध में बताया है कि 2*34 किलोमीटर चैनेज पर अवस्थित माइनर ब्रिज सिंचाई विभाग के बांध के पास अवस्थित है. यह माइनर बांध मेन बांध से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर निर्मित है जिसके पहुंच पथ में अत्यधिक बारिश के बाद के पानी से बढ़ते दबाव के कारण मरम्मत का कार्य अभियंताओं के द्वारा कराया जा रहा था.
मरम्मत के दौरान कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा मरम्मत कार्य में लगी जेसीबी मशीन से पहुंच पथ को काट दिया गयाय साथ हीं अभियंताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और सरकारी कार्य में बाधा डाली गई. भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की मांग उठाई गई है ताकि मरम्मत कार्य निर्बाध गति से चालू रहने पर यातायात पुनः चालू की जा सके. यूएस/283, 353/34 आईपीसी &सेक्सन 03.
दूसरी एफआईआर बैकुंठपुर के सीओ जिसे अंचलाधिकारी कहते हैं उन्होंने कराई. अंचलाधिकारी पंकज कुमार के द्वारा दिए गए लिखित आवेदन के आधार पर जिला परिषद सदस्य विजय बहादुर यादव सहित 10 से 15 अज्ञात ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
सीओ के द्वारा बताया गया है कि 16 जुलाई को सुबह लगभग 11:30 बजे सत्तरघाट पुल के पास निरीक्षण के समय काफी ग्रामीण थे. जो सत्तरघाट ध्वस्त पुलिया के समीप सड़क के पास खड़े थे. उनमें कुछ अज्ञात 10 से 15 ग्रामीणों द्वारा मेरे समक्ष लगभग 5 मिनट तक उपस्थित होकर एक साथ हाय-हाय का नारा लगाते हुए वर्तमान लॉकडाउन का उल्लंघन किया गया. लॉकडाउन के बारे में मेरे द्वारा स्मरण कराया गया जिससे समझते हुए सभी ग्रामीण जन भीड़ समाप्त कर वापस हो गए. पूछताछ के क्रम में एक व्यक्ति की पहचान की गई जिसका नाम विजय बहादुर यादव जो वर्तमान जिला परिषद है. इस संदर्भ में अंडर सेक्शन 188, 269, 270, 271, 34 आईपीसी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
तीसरी एफआईआर पुल का काम देख रहे ठेकेदार ने दर्ज कराई. गंडक विभाग के रजिस्टर्ड संवेदक उदय कुमार जो खोम्हारीपुर फैजुल्लाहपुर का निवासी है. बताया गया है कि 15 जुलाई को शीतलपुर खोम्हारीपुर के बीच के सत्तरघाट पुल के अप्रोच सड़क में पुलिया का निर्माण हुआ था. गंडक नदी का जलस्तर अचानक अधिक बढ़ने के कारण उक्त निर्माण पुलिया पर दबाव बढ़ गया जिससे अप्रोच सड़क में कटाव होने लगा.
कटाव को देखते हुए कनीय अभियंता जल संसाधन विभाग ओम प्रकाश एवं नीरज कुमार के द्वारा कटाव स्थल पर एनसी कार्य करने हेतु मुझे निर्देशित किया गया. मैंने विभाग के निर्देश के अनुसार कटाव स्थल पर कार्य 3:00 बजे प्रारंभ किया और उसी दिन की रात में 10:30 बजे फैजुल्लाहपुर पंचायत के मुखिया पति चंदशेखर राय उर्फ संजय राय कुछ लोगों के साथ आए और गाली गलौज करने लगे. जिससे कनीय अभियंता ओमप्रकाश कुमार एवं सभी लेबर काम छोड़कर भाग चले. जिससे रात 11:00 बजे से सुबह 11:00 बजे 16 जुलाई तक काम बाधित था. जिसमें तरह-तरह की धमकी दी गई कि आगे खतरा हो सकता है.
बताया गया है कि राजनीतिक तथा अपराधिक कार्य में लिप्त होने के कारण आगे चलकर सरकारी कार्य में फिर से बाधा उत्पन्न करेगा. आगे भी कार्य में व्यवधान हो सकता है. अतः प्राथमिकी दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई किया जाए. इस संदर्भ में अंडर सेक्शन 341, 504, 506, 553,34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है.
तेजस्वी ने साधा सरकार पर निशाना इसी बीच बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरेजडी नेता तेजस्वी यादव ने एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में एक शख्स बता रहा है कि पुलिया का अप्रोच रोड एक दो दिन में बह जाएगा.
हालांकि उस वीडियो में जो आदमी यह बता रहा है उसका पूरा वीडियो आना बाकी है. इस वीडियो से यह नहीं पता चल रहा कि यह वीडियो कब का बना है, किसने बनाया और किस मकसद से बनाया है.
सवाल यह भी है कि क्या इस वीडियो को प्रशासन या सरकार तक पहले भेजा गया था या नहीं. वीडियो की पूरी सत्यता और छुपे हुए पहलू का जवाब आना बाकी है.
तेजस्वी यादव ने ट्विटर पर लिखा कि 264 करोड़ की लागत से बने पुल के ढ़हने से पहले ग्रामीणों ने आगाह किया था लेकिन भ्रष्टाचारी नीतीश सरकार की कहां आंख खुलने वाली थी? पुल ढहेगा तभी ना दोबारा भ्रष्टाचार करेंगे? वीडियो देखिए.
अब निर्लज्ज भ्रष्ट सरकार निर्दोष ग्रामीणों पर ही केस दर्ज कर रही है कि वो मीडिया को सच बता सरकार के भ्रष्टाचार की पोल क्यों खोल रहे है?? हालांकि यह यह ग्रामीण कौन है इस बारे में तेजस्वी ने कुछ नहीं लिखा है.
यह भी पढ़ें: