पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. चुनाव की तारीखों के एलान से पहले गठबंधन में सहयोगी पार्टियों ने एक दूसरे को बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान वैसे तो एनडीए के सहयोगी हैं, लेकिन बीते कुछ समय से वो लगातार अलग-अलग मुद्दों को लेकर सीएम नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर रहते हैं.


अब अपने एक और बयान से चिराग पासवान ने बिहार की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. दरअसल, चिराग पासवान कोरोना के हालातों के मद्देनजर लगातार चुनाव टालने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर ही जब उनसे सवाल पूछा गया कि आप चुनाव से कतरा क्यों रहे हैं? इसको लेकर जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. लेकिन हम सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं. हम जानबूझकर लोगों को मौत के मुंह में नहीं डाल सकते हैं.


चुनाव टालने के पक्ष में एलजेपी


बता दें कि इससे पहले आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने बिहार के सभी दलों से चुनाव पर सुझाव मांगे हैं. इस पर लोक जनशक्ति पार्टी ने आयोग को पत्र लिखकर अपनी बात रखी है. पार्टी ने लिखा है, कोरोना महामारी इस वक्त विकराल रूप ले चुकी है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में खासतौर पर अक्टूबर-नवंबर में इसका प्रकोप और बढ़ने की संभावना है. ऐसे समय में हमारी प्राथमिकता लोगों को इस महामारी से बचाने की होगी. इस वक्त चुनाव कराना उचित नहीं क्योंकि इस समय सम्पूर्ण तंत्र का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर होनी चाहिए.


वहीं पत्र में बाढ़ का जिक्र करते हुए पार्टी ने लिखा है कि बिहार का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है. बिहार के 38 में से लगभग 13 जिले पूरी तरह से बाढ़ से ग्रस्त हैं. ऐसे में डब्लूएचओ और आईसीएमआर की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव कराना अत्यंत कठिन होगा.


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