पटनाः बिहार में बाढ़ से अब तक 11 लोगों की मौत हुई है. वहीं, इस प्राकृतिक आपदा से 12 जिलों की करीब 38.47 लाख आबादी प्रभावित हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में बाढ़ से दरभंगा जिले में सबसे अधिक सात लोगों तथा पश्चिम चंपारण में चार व्यक्ति की अब तक मौत हुई है.
बिहार के 12 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण एवं समस्तीपुर जिले के 102 प्रखंडों के 901 पंचायतों की 38,47,531 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है, जहां से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाये गये 3,09,511 लोगों में से 25,116 व्यक्ति 19 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.
बाढ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए 989 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है. दरभंगा जिले में सबसे अधिक 14 प्रखंडों के 173 पंचायतों की 13,51,200 आबादी बाढ से प्रभावित हुई है. बिहार के बाढ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें तैनात की गयी हैं.
बिहार के इन जिलों में बाढ का कारण गंगा के अलावा लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, कमला बलान, अधवारा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोसी एवं करेह नदी के जलस्तर बढना है.
कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही
जल संसाधन विभाग के मुताबिक बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक नदी मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर एवं खगडिया में, कमला बलान नदी मधुबनी में, गंगा नदी भागलपुर में, अधवारा नदी सीतामढी में, खिरोई दरभंगा में और महानंदा नदी पूर्णिया में मंगलवार को खतरे के निशान से उपर बह रही थी. जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी तटबंध सुरक्षित हैं.
मुख्यमंत्री ने की स्थिति की समीक्षा
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की. इस अवसर पर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि अब तक बाढ़ प्रभावित 60,000 परिवारों के खाते में 6,000 रूपये की राहत राशि हस्तांतरित कर दी गयी है. गुरुवार को और 40,000 लोगों के खाते में राशि डाल दी जायेगी. उन्होंने बताया कि 8-10 अगस्त तक सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में राशि पहुंत जाएगी.
मुख्यमत्री ने बाढ़ राहत शिविरों एवं सामुदायिक रसोई का डिजिटल अवलोकन किया. उन्होंने दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के असरा पंचायत, गोपालगंज जिले के रजोखर पंचायत, पूर्वी चम्पारण के अरेराज प्रखंड के पिपरा पंचायत तथा सारण जिले के तरैया प्रखंड के पचभिंडा पंचायत के के बाढ पीडितों से बातचीत की. साथ ही, बाढ़ राहत शिविरों एवं सामुदायिक किचेन में उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की.
नेपाल का नहीं मिला सहयोग
इससे पहले वीडियो कांफ्रेंस माध्यम से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया कि राहत सहायता वितरण के लिये अनुश्रवण समिति की बैठक होनी चाहिये ताकि लोगों की प्रतिक्रिया मिल सके. जल संसाधन मंत्री संजय झा, आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय भी वीडियो कांफ्रेंस में शामिल हुए.
जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय कुमार झा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पश्चिमी कोशी तटबंध पर चल रहे बाढ सुरक्षा कार्य का एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए कहा, “इस साल बाढ सुरक्षात्मक कार्य कोविड 19 और नेपाल से असहयोग के कारण एक बड़ी चुनौती थी. फिर भी, हम कई स्थानों पर काम पूरा करने में सफल रहे हैं.'
यह भी पढ़ें-
Lockdown: महाराष्ट्र में 31 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाया गया, खुलेंगे मॉल और मार्केट कॉम्पलेक्स
बड़ी खबर: राज्यपाल ने 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की अनुमति दी