पटना: बिहार के सतर्कता जांच ब्यूरो (वीआईबी) ने एक निजी एजेंसी को जालसाजी से 7.3 करोड़ रूपये देने में कथित संलिप्तता को लेकर एक निलंबित आईएएस अधिकारी और तीन रिटायर्ड नौकरशाहों समेत ‘बिहार महादलित विकास मिशन’ के 10 पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस एजेंसी के प्रबंध निदेशक का भी नाम प्राथमिकी में है जिसे इस कल्याणकारी निकाय (मिशन) ने अनुसूचित जाति के युवकों को ‘अंग्रेजी बोलना’ सिखाने के लिए नियुक्त किया था.
तेजस्वी यादव ने साधा निशाना
इसको लेकर बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, ''बिहार महादलित विकास मिशन घोटाले में 10 पूर्व अधिकारियों पर मामला दर्ज, तेजस्वी का निशाना- क्या नीतीश कुमार इस बोलेंगे?''
बुधवार को दर्ज किया गया एफआईआर
बुधवार को सतर्कता थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई जिसके अनुसार उन पर स्टडेंट्स की कथित फर्जी एंट्री दिखाकर 2012-2016 के दौरान 7.3 करोड़ रूपये से अधिक राशि निकालने का आरोप है.
प्राथमिकी में निलंबित आईएएस अधिकारी एस एम राजू का भी नाम है जो इस मिशन के पूर्व निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे. उसमें मिशन के निदेशकों और सेवानिवृत आईएएस अधिकारियों राघवेंद्र झा, राजानारायण लाल, रामाशीष पासवान तथा मिशन के तत्कालीन संयोजक अनिल कुमार सिन्हा एवं शशिभूषण सिंह और सहायक निदेशकों हरेंद्र कुमार श्रीवास्तव एवं बीरेंद्र चौधरी तथा पूर्व राज्य परियोजना अधिकारी देवजानी कार को भी आरोपी बनाया गया है.
ब्रिटिश लिंगुआ के प्रबंध निदेशक बीरबल झा का नाम भी प्राथमिकी में है. ब्रिटिश लिंगुआ को ही अंग्रेजी प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगाया गया था. अधिकारियों के अनुसार उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और अपराधिक साजिश समेत भादंसं की संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं.
महादलित विकास मिशन ने दावा किया कि उसने वित्त साल 2012-13 और 2015-16 के बीच 14,826 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया. सतर्कता अधिकारियों ने कहा, ‘‘ जांच में पाया गया कि प्रशिक्षु एक ही समय पर और एक ही नाम और पते से दो अलग अलग ट्रेड और सत्र कर रहे थे.’’ उन्होंने कहा कि एक बैच में करीब 40 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाना था लेकिन जांच से खुलासा हुआ कि कुछ नाम दूसरे बैचों में भी दर्ज थे.
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘दो अलग अलग रजिस्टरों में इन प्रशिक्षुओं के हस्ताक्षर उनके (आरेापियों) के खिलाफ सबूत हैं.’’ जांच अधिकारी निरीक्षक संजीव कुमार ने प्राथमिकी में कहा कि जांच से खुलासा हुआ कि ब्रिटिश लिंगुआ ने 2012-13 और 2015-16 के बीच विभिन्न चेकों के माध्यम से 7.3 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि निकाली.
महादलित विकास मिशन ने बीरबल एकेडमी एंड पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड से संबद्ध एजेंसी की सेवा लेकर 22 जिलों में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी बोलने का कोर्स शुरू किया था. बीरबल झा ने इन आरोपों को ‘झूठा एवं मनगढंत’ करार दिया और दावा किया, ‘‘ ये नापाक प्रयास संगठन को अधिकार से वंचित करने और मेरी छवि धूमिल करने के लिए किये जा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि मिशन से एजेंसी को भुगतान रूकने के बाद वह पटना हाई कोर्ट गये हैं. दूसरे आरोपियों से प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी है.
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