पटना: बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरे हो गए और पुराने दस्तावेजों के अनुसार वास्तुविद ए एम मिलवुड ने पटना सचिवालय की इमारत की भव्यता के अनुरूप 'मुक्त पुनर्जागरण शैली' में इस भवन का डिजाइन तैयार किया था. खूबसूरत दो मंजिला विधानसभा भवन 1920 के अंत तक बनकर तैयार हो गया था लेकिन नए भवन में बिहार और ओडिशा प्रांतीय विधानसभा का उद्घाटन सत्र सात फरवरी 1921 को हुआ था. उसी दिन राज्य के तत्कालीन राज्यपाल लार्ड एस पी सिन्हा ने भवन का औपचारिक उद्घाटन किया था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते सात फरवरी को पुराने बिहार विधानसभा परिसर की नयी इमारत के सेंट्रल हॉल में आयोजित शताब्दी समारोह के दौरान विधानसभा के गौरवशाली अतीत को रेखांकित किया था. ब्रिटिश सम्राट किंग जॉर्ज पंचम के 1911 के दिल्ली दरबार के बाद 22 मार्च, 1912 को बिहार और उड़ीसा प्रांत अस्तित्व में आए. इसके बाद जल्दी ही बिहार और उड़ीसा प्रांतीय विधान परिषद की स्थापना की गयी और इसकी पहली बैठक 20 जनवरी 1913 को ऐतिहासिक पटना कॉलेज के सेमिनार हॉल में हुयी थी.
सचिवालय भवन के ऊपर एक घड़ी टॉवर था
बिहार सरकार ने 20 जनवरी 2013 को पटना कॉलेज के उसी भवन में एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित कर शताब्दी मनायी थी. उससे पहले प्रांतीय विधान परिषद के शताब्दी वर्ष के मौके पर पटना में 2011-2012 से एक साल जश्न मनाया गया था. वास्तुविद जे एफ म्यूनिंग्स ने पटना की कई प्रमुख इमारतों का डिजायन तैयार किया था. उनमें गवर्नमेंट हाउस (अब राजभवन), सचिवालय, पटना हाई कोर्ट शामिल हैं जो आज शहर की धरोहर हैं.
एलएसएस ओ माली द्वारा लिखित 'बिहार एंड उड़ीसा डिस्ट्रिक्ट गजेटियर्स' पटना के 1924 संस्करण के अनुसार, ए एम मिलवुड ने सचिवालय के डिजाइन को ध्यान में रखते हुए पुनर्जागरण शैली में इसका डिजाइन तैयार किया था. सचिवालय भवन के ऊपर एक घड़ी टॉवर था और उसका निर्माण 1917 में गवर्नमेंट हाउस के साथ पूरा हुआ. तीन फरवरी, 1916 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिंग ने हाई कोर्ट भवन का उद्घाटन किया था. इस भवन का डिजायन म्यूनिंग्स ने तैयार किया था और मिलवुड ने उनकी मदद की थी.