15 साल की नूतन के हौसले के सामने आग की लपटें पड़ीं नरम, खुद की परवाह किए बिना परिजनों को दी नई जिंदगी
आग के लपटों के बीच अपने घर में फंसे चार भाई-बहनों और मां-बाप को बचाने के लिए नूतन कई बार अपने घर गई और अपने पूरे परिवार को एक-एक कर बाहर निकाला. लेकिन आखिर में वो खुद को बचा नहीं सकी.
![15 साल की नूतन के हौसले के सामने आग की लपटें पड़ीं नरम, खुद की परवाह किए बिना परिजनों को दी नई जिंदगी 15-year-old Nutan's spirits softened the flames, gave new life to family members regardless of herself ann 15 साल की नूतन के हौसले के सामने आग की लपटें पड़ीं नरम, खुद की परवाह किए बिना परिजनों को दी नई जिंदगी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/04/940e0588e7d81eb2ca267b0145e47b7e_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वैशाली: बिहार के वैशाली जिले में चौंकाने वाली घटना सामने आई है. घटना जिले के बेलसर के मनोरा स्थित दलित बस्ती की है, जहां परिजनों की जान बचाने के लिए 15 साल की बच्ची ने अपनी जान दे दी. दरअसल, गुरुवार की देर शाम मनोरा दलित बस्ती के कई घरों में अचानक आग लग गई. आग की लपटों को देखते हुए लोग घर से बाहर आ गए और प्रशासनिक मदद की राह देखने लगे. हालांकि, इसी बीच शंकर मांझी की 15 वर्षीय बेटी नूतन अपने परिजनों को बचाने के लिए आग में कूद पड़ी.
एक-एक कर परिजनों को निकाला
आग के लपटों के बीच अपने घर में फंसे चार भाई-बहनों और मां-बाप को बचाने के लिए नूतन कई बार अपने घर गई और अपने पूरे परिवार को एक-एक कर बाहर निकाला. लेकिन आखिर में वो खुद को बचा नहीं सकी और आग में झुलसने के कारण उसकी मौत हो गई.
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इधर, घटना की सूचना पाकर बेलसर थाने के एसएचओ सुनील कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पहुंचे. वहीं, इलाके की सर्किल ऑफिसर ममता रानी भी घटनास्थल पर पहुंची. हाजीपुर और मुजफ्फरपुर से दमकल की छह गाड़ियों को बुलाया गया, जिसके बाद घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. हालांकि, आग लगने के कारण कई घरों में रखा सामान जलकर नष्ट हो गया है. ऐसे में लोग सरकारी मदद की मांग कर रहे हैं.
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