गोपालगंज: नाइजीरिया में कमाने गए गोपालगंज के 11 समेत बिहार-यूपी और झारखंड के 150 मजदूर फंस गए हैं. नाइजीरिया की एक कंपनी में फंसे मजदूरों ने वीडियो संदेश भेजकर भारत बुलाने की गुहार लगाई है. एक शख्स ने हाथ जोड़कर कहा- "मोदी जी हमें भारत आना है." इतना ही नहीं बल्कि जो पैसे कंपनी ने नहीं दिए हैं उसे भी दिलाया जाए. नाइजीरिया में फंसे गोपालगंज के लोगों के परिजनों ने सांसद और डीएम से मिलकर गुहार लगाई है. सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर फंसे हुए मजदूरों को भारत लाने के लिए अपील की है.


जादोपुर थाने के जगीरी टोला निवासी भेष नारायण सिंह के परिजनों ने बताया कि 11 नवंबर 2020 को गोपालगंज के 11 नागरिक नाइजीरिया में कमाने गए थे. नाइजीरिया के लोगाश में डैगोट रिफाइनरी केमी टेक कंपनी में काम करते थे. कंपनी की ओर से शुरुआती महीनों में काम लिया गया और समय पर पैसे भी दिए. अब नौ महीने से उन्हें न तो पैसा मिला है न आने दिया जा रहा है.


कंपनी ने वेतन बंद किया, पासपोर्ट भी जब्त


पीड़ित परिवार का कहना है कि तमाम भारतीय मजदूरों का वेतन बंद कर उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए हैं. परिजनों की शिकायत पर डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गृह विभाग और विदेश मंत्रालय को सूचना अवगत कराया है.


नाइजीरिया में फंसे लोगों में अधिकांश बिहार के गोपालगंज, सीवान, बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी जिले के हैं. इसके अलावा झारखंड के पलामू, गढ़वा,  यूपी के देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़, बलिया, बस्ती, गाजीपुर और आंध्र प्रदेश के भी कुछ मजदूर शामिल हैं. एक ही कंपनी में सभी मजदूर काम कर रहे हैं.


नाइजीरिया में फंसे गोपालगंज और सीवान के ये लोग


नाइजीरिया में फंसे लोगों में जगीरी टोला निवासी भेष नारायण सिंह, संतोष कुमार, राम विलास साह, इदरीश अंसारी, दीपक राय, उपेंद्र प्रसाद, कन्हैया शर्मा, गुप्ता काली लाल, तारकेश्वर राय, छोटेलाल चौधरी, मजीद अली आदि शामिल हैं. वहीं, सीवान के ब्यास यादव और मुन्ना कुमार शामिल हैं.


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