Bihar Assembly Winter Session 2024: राजस्व एंव भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) ने मंगलवार को बेतिया राज संपत्ति बिल पास हो जाने के बाद बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में बेतिया राज संपत्ति बिल पास होने के साथ ही पूरी संपत्ति पर राज्य सरकार का अधिकार हो गया है. 15 हजार एकड़ जमीन है. अब उस पर भू-माफिया की नहीं चलेगी. 


अब बसे हुए लोगों को खाली करनी होगी जमीन


मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि जो संपत्ति जिन्होंने कब्जा किया है, उन सभी को खाली करना होगा और जो कोर्ट में केस है, वह खुद ब खुद खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से सबसे बड़ी बात यह है कि जितने भी जमीन है वह सारी जमीन अब राज्य सरकार के पास चली गई है.  राज्य सरकार उस पर मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ-साथ कई और बिल्डिंग बनाएगी. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कुछ लोग वहां रह रहे हैं, उनके लिए यह प्रावधान किया गया है कि वह जिला में बने समाहर्ता के नेतृत्व में जो कोर्ट है, वहां वह अपील कर सकते हैं. इसके साथ ऐसे लोग हमारे यहां राजस्व भूमि सुधार विभाग में जाकर अपील करेंगे. सभी संपत्तियों का आकलन किया जा रहा है. 


राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बेतिया राज की 15 हजार एकड़ से अधिक जमीन और अन्य संपत्तियां अब राज्य सरकार में निहित हो रही हैं. इनकी जमीन बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी है. बेतिया राज की 15213 एकड़ जमीन बिहार में और 143 एकड़ जमीन यूपी में है. बिहार में बेतिया राज की अधिकांश जमीन पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में है. इसके अलावा सारण, सीवान, गोपालगंज और पटना में भी बेतिया राज की जमीन है. इन जमीनों की कीमत 8000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है.


शीत सत्र में बिहार विधानमंडल से बिल हुआ पास


बता दें कि बिहार विधानमंडल ने मंगलवार को बिहार और यूपी में फैले प्रदेश के सबसे बड़े राजघरानों में से एक बेतिया राज की अपार और अमूल्य जमीन को सरकार के अधीन करने संबंधी विधेयक पारित कर दिया है. मंगलवार को नीतीश कुमार सरकार की ओर से राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने सबसे पहले विधानसभा में बेतिया राज की संपत्तियों को सरकार में निहित करने संबंधी विधेयक पेश किया, जिसे बुधवार तक के लिए सदन स्थगित होने से पहले पारित कर दिया गया. इसके बाद विधेयक को विधान परिषद की भी मंजूरी मिल गई. दरअसल 1954 में महारानी जानकी कुंवर के निधन के साथ ही बेतिया राज परिवार की अंतिम सदस्य का निधन हो गया था.


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