पटना: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. हालांकि इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा या बदले जा सकेंगे. इस फैसले पर पूर्व डिप्टी सीएम और सुशील मोदी ने कहा कि यह काले धन पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है, जिससे बचा कुचा काला धन लोगों के पास है वह बाहर निकलेगा. अगर अमेरिका 100 डॉलर के नोट से काम चला सकता है तो भारत में 2000 रुपये की आवश्यकता क्या है? नोटबंदी के दौरान सरकार ने तात्कालिक तौर पर लोगों को राहत देने के लिए 2000 रुपये के नोट को छापना शुरू किया था. इससे आम आदमी को परेशानी नहीं होगी क्योंकि उनके पास 2000 रुपये नोट नहीं है.


यह नोटबंदी नहीं बल्कि नोटबदली है- सुशील कुमार मोदी


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस निर्णय से सामान्य आदमी को कोई परेशानी नहीं होगी तथा देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी. हां,इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग तथा काला धन के रूप में अवश्य हो रहा था. यह नोटबंदी नहीं बल्कि नोटबदली है. यह काले धन पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है. 2000 के नोट की छपाई 2018 से ही बंद थी तथा बाजार में कहीं प्रचलन में नहीं था.


30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे- आरबीआई


बता दें कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा है.उसने बैंकों से 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है.  बैंकों में जाकर 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले एवं जमा किए जा सकेंगे. हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे.


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