2024 के साथ 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव हो जाएगा? 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से क्या होगा? जानिए सबकुछ
One Nation One Election: देश में आजादी मिलने के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ हुआ था. जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) कई बार यह कह चुके हैं कि 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव समय से पहले हो सकता है. बयानबाजी यह भी हो रही है कि 2024 के साथ 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव भी हो जाएगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक 5 दिनों के लिए विशेष सत्र बुलाया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. हालांकि इस सत्र का क्या एजेंडा होगा इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है लेकिन इसके पीछे 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के बिल पारित को लेकर चर्चा हो रही है. अगर ऐसा होता है तो बिहार में होने वाले 2025 का विधानसभा चुनाव क्या 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ हो जाएगा? जानिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति विशेषज्ञ अरुण कुमार पांडेय कहते हैं कि अगर संसद भवन में एक राष्ट्र एक चुनाव बिल पास हो जाता है तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाकर 2024 के होने वाले चुनाव के साथ ही बिहार विधानसभा का भी चुनाव कराया जा सकता है लेकिन यह सब इतना आसान नहीं होगा. इस बिल को पास करने के लिए सरकार को काफी फजीहत झेलनी पड़ेगी. हालांकि नामुमकिन भी नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार इसमें सक्षम दिख रही है. उन्होंने कहा कि इस बिल को सुचारू रूप से करने के लिए कम से कम छह महीने का वक्त लग सकता है जिसके कारण नवंबर और दिसंबर महीने में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव भी टल सकते हैं और सभी चुनाव एक साथ 2024 में हो सकते हैं.
1952 से 1967 तक हुए हैं एक साथ चुनाव
अरुण पांडेय ने बताया कि देश में आजादी मिलने के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुआ था. आज बात हो रही है 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की तो यह सिलसिला देश में 1967 तक चला. 1967 के बाद देश में कुछ ऐसी अनैतिक परिस्थितियां राज्यों बनीं जिसके कारण उस समय विधानसभा भंग हो गई. फिर चुनाव हुआ तो यह क्रम टूट गया. 1970 में लोकसभा भी भंग हुई थी और पांच साल पूरा होने के पहले चुनाव हुआ फिर उसके बाद से यह क्रम टूटता चला गया.
प्रत्येक वर्ष चुनाव मोड में रहता है देश
चुनावों को लेकर अरुण पांडेय ने कहा कि देखा जाता है कि हर साल कहीं ना कहीं एक, दो या तीन-चार राज्यों में चुनाव होते रहते हैं. कहा जाए तो पूरा देश प्रत्येक वर्ष इलेक्शन मोड में रहता है. अब चुनाव भी काफी खर्चीला होता जा रहा है. 2019 का रिकॉर्ड बताता है कि सरकारी, राजनीतिक दल और प्रत्याशी का खर्च मिलाकर 60000 करोड़ से अधिक खर्च हुए थे. यह आंकड़ा प्रत्याशियों और पार्टियों के हलफनामे के आधार पर अनुमान है. इसके अलावा भी प्रत्याशी और पार्टी अतिरिक्त तरीके से और ज्यादा खर्च करते हैं. ऐसे में एक चुनाव में आंकड़े से पांच गुना से ज्यादा खर्च होते हैं इसलिए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कमेटी बनाई गई है.
2018 में लॉ कमीशन ने की थी सिफारिश
अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के 15 अगस्त को लाल किला से 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की बात की थी और कई अवसर पर यह बात होती रही है. 2018 में 22वें लॉ कमीशन ने इस विषय पर सिफारिश की थी कि ये देश हित में होगा. एक साथ लोकसभा और विधानसभा का चुनाव कराया जाए, लेकिन यह जो स्थिति बनी है इसको करने के लिए संविधान में संशोधन करने होंगे. जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करना होगा. कई विधानसभा ऐसे होंगे जिनका पांच साल पूरा होना बचा हुआ है तो एक साथ चुनाव कराने के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लागू करना होगा.
यदि विधानसभाओं की सहमति हुई समय से पहले चुनाव कराने के लिए तो विधानसभा भंग करनी होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान का जो पांच अनुच्छेद है उसमें संशोधन करना होगा. यह करने के लिए जब उस समय लॉ कमीशन की रिपोर्ट आई थी तो सरकार ने इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया. अब इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कदम को आगे बढ़ा दिया है.
बिल पारित करने के लिए बीजेपी सक्षम तो रास्ता होगा आसान
अरुण पांडेय ने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लाकर उसको पास कराएगी सिर्फ विधेयक लाने से नहीं होगा. अलग-अलग कानून में संशोधन लाने के लिए भी विधेयक लाना पड़ेगा और अगर विधेयक लाया जाता है तो संविधान के मूल ढांचे में एक तरह से बदलाव की बात हो जाती है. बीजेपी के पास 18 राज्यों में बहुमत है. उसकी सरकार है. संविधान में संशोधन करने की जो अनिवार्य शर्त है उसको खुद बीजेपी पूरा करने के लिए अभी सक्षम है. हालांकि जिन-जिन राज्यों में क्षेत्रीय दल हैं जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में समर्थन नहीं कर सकती है, लेकिन बहुमत के हिसाब से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.
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