बिहारः बगहा में 25 से 30 एकड़ खेत नदी में विलीन, श्रमदान कर ग्रामीणों ने बनाया बांध
पहाड़ी नदी के कटाव के कारण पचफेड़वा के किसानों को क्षति हो चुकी है. ग्रामीणों की गुहार पर एसडीएम शेखर आनंद ने स्थल का निरीक्षण कर तत्काल कार्य कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्य में हो रही देरी और नदी के कटाव से परेशान लोग खुद ही इसे रोकने में जुट गए.
बेतिया: कहते हैं कि जब प्रशासनिक अमला से मदद नहीं मिले तो खुद लोगों को अपनी जान बचाने के लिए आगे आना पड़ता है. बगहा में हो रहे कटाव के बाद यहां के ग्रामीणों ने भी कुछ ऐसा ही किया है. मामला प्रखंड बगहा दो नौरंगिया दरदरी पंचायत के पचफेड़वा गांव का है, जहां पहाड़ी नदी मनोर से लगातार कटाव हो रहा था. इससे बचाव के लिए लोग खुद बांध बनाने में जुट गए हैं.
25 से 30 एकड़ खेत नदी में विलीन
पहाड़ी नदी के कटाव के कारण पचफेड़वा के किसानों को क्षति हो चुकी है. करीब 25 से 30 एकड़ खेत नदी में विलीन हो चुके हैं. लगभग 30 से 40 एकड़ में लगे गन्ना व धान के बिचड़े भी नदी की धारा में बह चुके हैं जिसके बाद किसानों ने श्रमदान से बांध बनाना शुरू कर दिया. पचफेड़वा के लोगों ने एसडीएम से कटावरोधी कार्य कराने के गुहार लगाई थी.
ग्रामीण आपसी सहयोग से बना रहे बांध
हालांकि ग्रामीणों की गुहार पर एसडीएम शेखर आनंद ने स्थल का निरीक्षण कर तत्काल कार्य कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्य में हो रही देरी और नदी के कटाव से परेशान लोग खुद ही इसे रोकने में जुट गए. जब इसकी जानकारी प्रशासन को लगी तो जल संसाधन विभाग ने बोरा और जाली दिया.
प्रशासनिक स्तर पर नहीं मिली कोई मदद
इधर, पंचायत के मुखिया बिहारी महतो ने कहा कि कटाव को लेकर हुए नुकसान की जानकारी प्रखंड व अनुमंडल प्रशासन को दी गई थी लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई. इसके बाद ग्रामीण आपसी सहयोग से मनोर नदी पर पचफेड़वा के समीप कटाव रोकने के लिए बांध बनाने में जुट गए.
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