Bihar News: बिहार में जितिया पर्व पर बुधवार (25 सितंबर) को अलग-अलग जिलों में 46 लोग डूब गए. इसमें अकेले 37 बच्चे शामिल हैं. इनके अलावा सात महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं. नीतीश सरकार (Nitish Government) ने गुरुवार (26 सितंबर) को जिले भर का आंकड़ा जारी करते हुए मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. सबसे अधिक 10 मौतें औरंगाबाद में हुई हैं.


जितिया पर्व पर डूबने की घटनाएं पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, नालंदा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल में हुई हैं. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम क्षेत्र भर में लगातार सर्च अभियान चला रही है. 


आठ लोगों की दी गई अनुग्रह राशि


खबर लिखे जाने तक 46 में से 43 शव ही बरामद किए जा सके थे. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार मृतकों के निकटतम परिजनों को अनुग्रह राशि के रूप के चार लाख की राशि प्रदान की जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के आलोक में अभी तक आठ मृतकों के परिजनों को अनुग्रह की राशि का भुगतान किया जा चुका है. शेष मृतकों के भुगतान की प्रक्रिया जारी है.


प्रदेश में हुई इस तरह की घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ित परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना करते हुए शोक व्यक्त किया है. उधर आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि किसी भी आपदा स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 0612-2294204 व टोल फ्री नंबर 1070 पर लोग संपर्क कर सकते हैं.


सबसे अधिक औरंगाबाद में हुई 10 मौतें


बता दें कि जिला वार आंकड़ों को देखें तो सबसे अधिक 10 मौतें औरंगाबाद में हुई हैं. बारुण में 5 और मदनपुर में बुधवार को 3 बच्चे डूब गए. इनके अलावा एक नबीनगर और एक दाउदनगर में डूबने से मौत हुई है. औरंगाबाद के बाद सबसे अधिक लोग छपरा में डूबे हैं. यहां जितिया पर पांच लोग डूब गए. इसके अलावा बाकी अन्य जिलों में अलग-अलग घटनाएं हुई हैं.


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