दरभंगा: प्रदेश के दरभंगा जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच का 73 एकड़ जमीन गायब है. इसका कहीं कोई अता पता नहीं है. कई बार इसकी न सिर्फ सरकारी स्तर पर नापी कराई गई बल्कि ड्रोन कैमरे से भी इसकी मैपिंग की गई. कुछ दिनों पहले जमीन की तलाश में कई दिनों तक ड्रोन कैमरे से पूरे अस्पताल परिसर की वीडियोग्राफी भी कराई गई, लेकिन उसमें अस्पताल के पास वर्तमान में केवल 227 एकड़ जमीन ही मिल पाई. 


दरभंगा सांसद ने किया ये दावा


दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर की मानें तो दरभंगा महाराज ने डीएमसीएच निर्माण के लिए 300 एकड़ जमीन दान में दी थी. ऐसे में सवाल यह है कि जब दरभंगा महाराज ने 300 एकड़ जमीन दान में दी थी, तो वर्तमान में अस्पताल के पास 227 एकड़ जमीन ही कैसे दिखाई दे रही है. आखिर 73 एकड़ जमीन कहां गायब हो गई.


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दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने पार्लियामेंट लाइब्रेरी से जब इसकी जानकारी मांगी तो उन्हें यह जानकारी दी गई कि दरभंगा के महाराज ने 1946 में डीएमसीएच को 300 एकड़ जमीन न सिर्फ दान में दी बल्कि छह लाख रुपये भी तब दान में दिए थे. गोपाल जी ठाकुर इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब महाराज ने 300 एकड़ जमीन दान में दी थी तो अभी सरकारी नापी के बाद 227 एकड़ जमीन ही डीएमसीएच में क्यों दिखाई दे रही है.


सांसद ने दुहराई ये मांग


उन्होंने गायब 73 एकड़ जमीन को खोज निकालने की दिशा में काम करने के लिए सरकार से मांग करते हुए दरभंगा में बनने वाले प्रस्तावित एम्स को 200 एकड़ में बनाने के साथ-साथ 100 एकड़ में डीएमसीएच का नए सिरे से विस्तार करने की मांग दुहराई है. दूसरी तरफ दरभंगा डीएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर हरिशंकर मिश्रा ने बताया कि जमीन सम्बन्धी कोई कागजात उनके पास नहीं है.


हालांकि, उन्होंने इस बात की पुष्टि जरूर की है कि वर्तमान में डीएमसीएच के पास 227 एकड़ जमीन है और इसकी नापी भी कराई गई है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दरभंगा महाराज के परिजनों ने भी उनसे जमीन संबंधी जानकारी मांगी थी पर न तो उनके पास कोई साक्ष्य है, न ही डीएमसीएच के पास जमीन संबंधित कोई डीड है. ऐसे में कितनी जमीन वास्तव में दान दी गई यह तो तब लेने वाले और दान देने वाले को ही पता होगा.


मुख्यमंत्री ने कही थी ये बात


बता दें कि दरभंगा में डीएमसीएच के जमीन पर एम्स निर्माण का फैसला बिहार सरकार ने लिया था, तब उसके लिए 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा सरकार द्वारा की गई थी, इसके बाद दोनों सदन से प्रस्ताव को पास भी किया गया था. लेकिन 16 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद दरभंगा पहुंचकर एम्स निर्माण के लिए उच्च स्तरीय बैठक की. इसके बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि एम्स का निर्माण अब 200 एकड़ जमीन के बदले 150 एकड़ जमीन पर किया जाएगा. शेष 50 एकड़ जमीन डीएमसीएच को दिया जाएगा. यानी डीएमसीएच का विस्तार 77 एकड़ जमीन पर किया जाएगा. 


(दरभंगा से तुलसी झा की रिपोर्ट)


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