कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के एनएच-2 पर करमनासा नदी के ऊपर बना स्टील ब्रिज जर्जर स्थिति में हो गया है. उसके कई एप्रोच टूट चुके हैं. अगर ओवरलोडेड वाहनों का यही हाल रहा तो पुल कभी भी टूट कर गिर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है. यह पुल बिहार और यूपी को जोड़ता है. जिससे इस रास्ते से लगभग 7 राज्यों का संपर्क टूट जायेगा.
पिछले साल दिसम्बर माह में बालू लदे ओवरलोड वाहनों के परिचालन से करोड़ों रुपये की लागत से बना सीमेंट का पुलिया ध्वस्त हो गया था जिससे 14 दिनों तक 7 राज्यों का संपर्क पूरी तरह टूट गया था. संपर्क को जोड़ने के लिए 14 दिन में एनएचआई ने करमनासा नदी के उत्तर और दक्षिण दोनों साइड में डायवर्सन बनाया लेकिन 6 माह बाद ही पानी के बढ़ते दबाव के कारण तोड़ना पड़ा था. फिर टेंपरेरी स्टील ब्रिज तैयार कर परिचालन शुरु किया गया और टूटे पुराने ब्रिज की मरम्मत शुरु कर उसे एक साल में पूरा करा दिया गया. उसकी लोड टेस्टिंग भी सफल रही लेकिन ओवरलोड वाहनों के परिचालन के कारण उसे आवागमन के लिये नहीं खोला जा रहा है.
कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है
लेकिन एक बार फ़िर स्टील ब्रिज के कई सम्पर्क हैंड ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन से टूट गये हैं. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. घटना की जानकारी जैसे ही एनएचआई को मिली, एनएचआई के डीजीएम मनीष कुमार ने घटनास्थल पर पहुंचकर मौके का जायजा लिया और स्टील ब्रिज को भी टूटने का जिम्मेदार ओवरलोडेड वाहनों को ही बताया.
मनीष कुमार बताते हैं बालू लदे ओवरलोडेड वाहनों के कारण करमनासा नदी पर बना पुल टूटा था जिसके बाद हम लोगों ने स्टील ब्रिज चालू कराया. स्टील ब्रिज के हैंड टूट रहे हैं. अगर बालू लदे ओवरलोड वाहनों पर तत्काल रोक नहीं लगाया गया तो बहुत बड़ा हादसा होने से कोई नहीं टाल सकता. हमारा पुराना पुलिया मरम्मत होकर तैयार हो चुका है लेकिन ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन के कारण उसे हम नहीं खोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओवरलोडेड वाहनों के कारण हमारा डेहरी, दुर्गावती और गंगा नदी पर बना ब्रिज जर्जर हो गया है. पुल पर साठ टन ही लोड वाहनों को गुजरना है लेकिन अभी बालू ओवरलोड वाहन 90 टन तक वजन लेकर गुजर रहे हैं जिससे सभी पुल डैमेज हो रहे हैं.
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