पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बुधवार को राजधानी पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा, " जनता के दरबार में मुख्यमंत्री" कार्यक्रम की शुरुआत जब साल 2006 में की गई तो उसमें ज्यादातर भूमि विवाद से जुड़े मामले आते थे. इस पर विचार विमर्श किया और कानून बनाया गया. भूमि विवाद की समस्याओं के समाधान के लिए कई कदम उठाए गए हैं.उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होते हैं.


स्पेशल सर्वे से लोगों का होगा कल्याण


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आबादी ज्यादा है और क्षेत्रफल कम है, जिसके कारण यहां की परिस्थितियां अलग हैं. हम लोगों ने तय किया कि यहां जमीन का स्पेशल सर्वे किया जाएगा. इसमें एरियल सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि स्पेशल सर्वे का कार्य पूरा हो जाने से भूमि विवाद को लेकर कम से कम झगड़ा होगा और लोगों का कल्याण होगा. 


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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश 


उन्होंने कहा कि भूमि विवाद की समस्याओं के निराकरण के लिए सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी और थानेदार संयुक्त रूप से लोगों के साथ बैठक करते हैं. 15 दिनों में एक दिन एसडीओ और एसडीपीओ तथा महीने में एक दिन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बैठक कर समस्याओं का निराकरण करते हैं. इसमें नई तकनीक का उपयोग करें और विभाग के स्तर से इसकी मॉनीटरिंग करें.


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पेशल सर्वे कार्य के दौरान जो फाइनल ड्राफ्ट बनेगा उसका मुख्यालय से और जिलाधिकारी के स्तर से भी मॉनिटरिंग कर चेक करा लें, ताकि कहीं कोई गलती न रह जाए. यह सुनिश्चित करें कि इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो.



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