(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर, जगह-जगह LJP नेता को याद कर रहे लोग
हाजीपुर रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है और वे 8 बार यहां से सांसद रहे. 1977 से राजनीति की शुरुआत करने वाले रामविलास पासवान अक्सर हाजीपुर को अपनी मां कहा करते थे.
सहरसा/हाजीपुर: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर है. उनकी मौत की खबर सुनते ही लोजपा की सहरसा प्रदेश महासचिव सरिता पासवान ने दुःख प्रकट करते हुए कहा कि बेहद दुख का घड़ी है, हमारे लोजपा परिवार के साथ ही इस देश के लिए भी. देश ने दूसरा अम्बेडकर खो दिया है और आज पूरा लोजपा परिवार काफी मर्माहत है. इस क्षति की पूर्ति नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगी कि फिलहाल हम सभी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ मजबूती से खड़े रहें ताकि उनके दर्द को कुछ कम किया जा सके. आज एक विकास युग हमारे देश से समाप्त हो गया है. गरीबों के नेता और सभी के दिलों में बसनेवाले जननायक आज हमलोगों के बीच नहीं हैं. लेकिन हमें पूर्ण विश्वास है कि उनका आशीर्वाद और उनकी एक-एक बातें हमलोगों के साथ है और वही हमें हिम्मत और हौसला देगी.
इधर, वैशाली में रामविलास पासवान की मौत की खबर के बाद जगह-जगह उनके चाहने वाले सड़क पर निकल कर उनको श्रद्धांजलि देते दिखे. इस दौरान कई लोग अपने नेता को याद कर भावुक दिखे. बता दें कि हाजीपुर रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है और वे 8 बार यहां से सांसद रहे. 1977 से राजनीति की शुरुआत करने वाले रामविलास पासवान अक्सर हाजीपुर को अपनी मां कहा करते थे.
यही वजह है कि रामविलास पासवान की निधन की खबर के बाद पार्टियों का बंधन टूटता दिखा. अलग-अलग पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता उनको याद कर भावुक दिखे. बजरंग दल नेता चंदू साह ने कहा कि पासवान जी का हाजीपुर के लोगों से आत्मीय सम्बन्ध था. उनकी याद में हाजीपुर स्टेशन का नाम रखा जाना चाहिए.
एक अन्य समर्थक ने कहा कि पीढ़ियों से पासवान जी का हमलोगों से सम्बन्ध था. हमारे दादा, पिता के समय से रामविलास पासवान वैशाली से सम्बन्ध रहा है. हाजीपुर को पासवान जी के नाम से जोड़ा जाना चाहिए.
(इनपुट- मुकेश सिंह/राजा बाबू)
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