Indepth Story: जगदानंद सिंह की होगी 'छुट्टी', अब्दुल बारी सिद्दीकी होंगे RJD के प्रदेश अध्यक्ष! सब कुछ लगभग सेट
Bihar Politics: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह करीब डेढ़ महीने से कार्यालय भी नहीं आ रहे हैं. अब कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं. अब्दुल बारी सिद्दीकी पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
पटना: आरजेडी (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) पिछले डेढ़ महीने से पार्टी से नाराज चल रहे हैं. दो अक्टूबर को जगदानंद सिंह प्रदेश कार्यालय आए थे और उसी दिन मीडिया के सामने अपने बेटे सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) के इस्तीफे के बाद कहा था कि जो किसानों के हित की बात करता है उसे त्याग करना पड़ता है. इसके बाद जगदानंद सिंह कभी पार्टी कार्यालय में नजर नहीं आए. अब ऐसी चर्चा है कि नाराज जगदानंद सिंह की छुट्टी होने वाली है और अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा. सब कुछ लगभग सेट हो चुका है.
24 नवंबर से पहले हो सकता है बदलाव
अंदर खाने में इस बात की चर्चा है कि जगदानंद सिंह ने लालू प्रसाद यादव से दिल्ली में मुलाकात भी की थी. जगदानंद ने बीमारी का हवाला देते हुए लालू प्रसाद यादव से कहा था कि अब वे पार्टी की बागडोर नहीं संभाल सकते. हालांकि इस पर अभी तक पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है. कुछ नेताओं ने दबी जुबान में कहा कि जो चर्चा है वह सही है. 24 नवंबर से पहले नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान हो जाएगा.
पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं सिद्दीकी
अब्दुल बारी सिद्दीकी 2007 में भी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. 2010 में जब आरजेडी की मात्र 22 सीट आई थी उस वक्त अब्दुल बारी सिद्दीकी नेता प्रतिपक्ष बने थे और प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था. उसके बाद रामचंद्र पूर्वे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद 2019 में जगदानंद सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने. 2022 में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हुआ था जिसमें सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष के लिए जगदानंद सिंह को चुना गया था.
MY समीकरण पर कमांड की तैयारी
जगदानंद सिंह की नाराजगी के बाद कई नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की कतार में थे. शिवचंद्र राम भी इसके लिए दिल्ली जाकर लालू प्रसाद यादव से मिल चुके हैं. उदय नारायण चौधरी भी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष की कतार में थे लेकिन अब्दुल बारी सिद्दीकी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर आरजेडी पार्टी को मजबूत करने के लिए मान रही है. क्योंकि पांच दिसंबर को कुढ़नी में उपचुनाव होना है. इससे पहले तीन नवंबर को हुए गोपालगंज उपचुनाव में एआईएमआईएम की पार्टी 12000 वोट लेकर आई थी. मुस्लिम वोट एकजुट हुआ और आरजेडी को हार का सामना करना पड़ा.
सिंगापुर जाने से पहले हो लग सकता है मुहर
अगर अब्दुल बारी सिद्दीकी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो मुस्लिम वोटों में बिखराव नहीं होगा और यह उपचुनाव निकाला जा सकता है. इसके साथ ही आरजेडी का एमवाई समीकरण पहले की तरह बरकरार हो सकता है. बता दें कि लालू प्रसाद यादव 24 नवंबर को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर जाने वाले हैं. चर्चा यह भी है कि तेजस्वी यादव भी साथ में जाएंगे. ऐसे में अब्दुल बारी सिद्दीकी का प्रदेश अध्यक्ष बनने का फैसला इससे पहले हो सकता है.
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