पटना: गया के निलंबित एसपी आदित्य कुमार की पैरवी करने के लिए हाई कोर्ट का फर्जी न्यायाधीश बनकर पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को कॉल करने वाले टाइल्स व्यवसायी अभिषेक अग्रवाल ने फिर नया कारनामा कर दिया है. जानकर अफसर भी हैरान हैं. अभिषेक जेल में ही अपनी फर्जीगिरी की दुकान चला रहा था और उसके ग्राहक कोई और नहीं बल्कि जेल अधीक्षक और जेल के कर्मी ही बन गए.
अभिषेक अग्रवाल ने अपने सहयोगी मोहम्मद राजा के साथ मिलकर जेल में न सिर्फ मोबाइल इस्तेमाल किया बल्कि अपने मोबाइल से एडीजी बनकर जेल अधीक्षक को ही धमकाया. जेल अधीक्षक ने बेउर थाने को सूचना दी. इस पर पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अभिषेक अग्रवाल का मोबाइल जब्त किया और जेल मैनुअल कानून के तहत कार्रवाई के साथ-साथ फर्जीगिरी के मामले पर कार्रवाई करने की बात कही है.
पटना के एसएसपी ने क्या कहा?
एसएसपी ने बताया कि अभिषेक अग्रवाल ने अपने फोन से जेल अधीक्षक को और जेल प्रभारी को एडीजी बनकर फोन किया. जेल में बंद अभिषेक अग्रवाल और मोहम्मद राजा को जेल में विशेष सुविधा देने का आदेश दे दिया. इतना ही नहीं जेल में बंद कुछ कैदियों पर कार्रवाई करने का भी आदेश अभिषेक अग्रवाल ने जेल अधीक्षक को दे दिया. साथ ही बात नहीं मानने पर ट्रांसफर करने या निलंबित करने की धमकी भी दी. सबसे बड़ी बात है कि अभिषेक जब हाई सिक्योरिटी में रखा गया है तो उसके पास मोबाइल कैसे पहुंचा?
कैसे हुआ खुलासा?
ताजा मामला रविवार (11 जून) का है. दो दिन तक जेल प्रशासन ने इस मामले को दबा कर रखा था. इस पूरे मामले में जानकारी मिली कि रविवार को जेल प्रभारी के मोबाइल पर अभिषेक ने व्हाट्सएप कॉल किया. व्हाट्सएप की डीपी में एडीजी की तस्वीर लगाई थी. सबसे पहले तो जेल प्रभारी ने जय हिंद कहा. इसके बाद अभिषेक ने आदेश दिया कि मेरी बात को नहीं मानोगे तो निलंबित करवा देंगे. पूर्व जेलर को भी हमने निलंबित करवाया है.
यह बात सुनकर जेल प्रभारी को शक हुआ और उसने जेल अधीक्षक को फोन करके सारी बात बताई. जेल अधीक्षक भी सकते में पड़ गए. उन्होंने कहा कि इसी नंबर से हमें भी कॉल आता है. शक होने पर जेल प्रशासन ने पटना के एक अधिकारी से इस नंबर की जांच करवाई तो इस नंबर का कॉल लोकेशन बेउर जेल में पाया गया. इसके बाद छानबीन की गई तो पता चला कि यह नंबर अभिषेक अग्रवाल के पास है. जेल में छापेमारी कर पुलिस ने उस मोबाइल के साथ-साथ दो सिम कार्ड को बरामद किया है.
जेल में रहकर कई लोगों को लगाया चूना
अभिषेक अग्रवाल पिछले कई महीनों से बेऊर जेल में बंद है लेकिन अंदर रहकर भी उसने कई लोगों को मोबाइल के जरिए चूना लगा दिया है. बड़े अधिकारी और बड़े अफसर के नाम पर कॉल करके कितने लोगों से लाखों रुपये मंगवाए हैं. इतना ही नहीं बड़े अधिकारी बनकर जेल अधीक्षक से पहले भी अन्य कैदियों का सेल चेंज करवा चुका है. इसके एवज में कैदियों से पैसे लिए हैं. जेल अधीक्षक और अभिषेक में पिछले सवा महीने से बातचीत हो रही थी. जेल अधीक्षक यह जान रहे थे कि बड़े अधिकारी हैं इसलिए वह बात मान रहे थे, लेकिन अब अभिषेक ने खुद की पैरवी के लिए फोन कर दिया था और खुद जाल में फंस गया.
जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि अभिषेक का नंबर कक्षपाल उदय प्रताप के मोबाइल में मिला है. उदय सहित कुल आठ कक्षपालों से स्पष्टीकरण मांगी गई है. कहा जा रहा है कि अभिषेक ने जेल में ही 15000 में एक कैदी से मोबाइल को खरीदा था.
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