बेगूसराय: कोरोना काल में लोग जमकर मनमानी कर रहे हैं. खासकर स्वास्थ्य सेवा और दवाइयों की कालाबाजारी से जुड़ी जो खबरें सामने आ रही हैं, वो मानवता को शर्मसार करने वाली हैं. लेकिन इस संकटकाल में भी कई लोग ऐसे हैं जो एक दूसरे की मदद के लिए लगातार सामने आगे आ रहे हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं बेगूसराय जिले के रहने वाले पंकज सिंह. पंकज दून स्कूल के प्रबंधक हैं, जिन्होंने कोरोना काल में बंद पड़े स्कूल में एक मिनी अस्पताल खोल दिया है.


बहन की मौत के बाद लिया फैसला 


मिनी अस्पताल में कुल 30 ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं, जहां कोरोना मरीजों का इलाज किया जाना है. दरअसल, पंकज की बहन की मौत कोरोना की वजह से हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया कि वे किसी भी कोरोना मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी या पैसों के अभाव में नहीं होने देंगे. इसलिए उन्होंने अपने दून पब्लिक स्कूल में 30 बेड का अस्पताल खोल दिया है.


पंकज ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर इस अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों की तैनाती करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि इस कोरोना महामारी में लोगों की सेवा के लिए 30 ऑक्सीजन युक्त बेड तैयार किए गए हैं. जब उनकी बहन अस्पताल में भर्ती थी, तो वे वहां आते-जाते थे. 


गरीबों का मुफ्त में होगा इलाज


इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन के अभाव में लोगों को तड़प कर मरते देखा है. इसलिए आगे किसी मरीज की मौत ऑक्सीजन के अभाव में ना हो इसलिए अस्पताल बनाया है. इंतजार है कि जिला प्रशासन इस अस्पताल में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती करे. ताकि गरीबों का मुफ्त इलाज हो सके. इस अस्पताल में ऑक्सीजन के खर्च के साथ मरीजों पर होने वाले सभी खर्च स्कूल प्रबंधक ने स्कूल कोष से करने की बात कही है.


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