नवादा: नवादा के सदर अस्‍पताल में 24 घंटे इमरजेंसी की सेवा का दावा पूरी तरह से फेल है. यहां पर शाम होते ही अस्‍पताल की व्‍यवस्‍था लचर हो जाती है. रात में इलाज की उम्‍मीद लेकर आने वाले मरीजों के हाथ यहां निराशा लगती है. डॉक्‍टर तो छोड़िए, रात होते ही कर्मचारी भी अपनी मनमर्जी चलाने लगते हैं. abp बिहार ने गुरुवार की रात जब इसकी पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए. 


गुरुवार की रात नौ बजे पोस्टमार्टम रोड निवासी धनंजय अपनी पत्‍नी के साथ अस्‍पताल पहुंचे थे. उनके साथ एक चार माह का बच्‍चा भी था जिसे तेज बुखार था. एसएनसीयू वार्ड में दंपती बच्‍चा लेकर पहुंचे तो वहां कोई डॉक्‍टर नहीं था. पूछने पर नर्स ने बताया कि डॉक्‍टर साहब अभी नहीं हैं, 10 बजे के बाद आएंगे. वे लोग इंतजार करने लगे. उस वक्‍त ड्यूटी डॉ. प्रशांत कुमार थी. ड्यूटी रोस्‍टर के अनुसार उनकी ड्यूटी रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक थी.


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नर्स ने डॉक्‍टर को फोन कर दी सूचना 


डॉक्‍टर के नहीं रहने की सूचना के बाद जब मीड‍िया कर्मी ने एसएनसीयू वार्ड में जाकर नर्स से पूछा तो उन्‍होंने कहा कि डॉक्‍टर यहीं हैं, तुरंत आ रहे हैं. इसके बाद नर्स डॉक्‍टर को फोन लगाने लगी. कुछ देर बाद डॉक्‍टर अपने चैंबर में पहुंचे. इसके बाद डॉ. प्रशांत कुमार से जब ड्यूटी से गायब रहने को लेकर सवाल पूछा गया तो वे वे भड़क गए. डॉक्टर ने कहा- ये सब मैने बहुत बार देखा है. मैं क्‍या ड्यूटी करता हूं, ये सब लोग जानते हैं. 


कई बार हो चुकी है मरीजों की मौत 


दरअसल, सदर अस्‍पताल के डॉक्‍टरों की लापरवाही के कारण कई बार मरीजों की मौत हो चुकी है. परिजन इस तरह के आरोप कई बार लग चुके हैं. इसको लेकर परिजन हंगाम भी करने लगते हैं. लेकिन इसके बाद भी ऐसे डॉक्‍टरों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. रात में ड्यूटी से गायब रहने का यह पहला मामला नहीं है, पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.   


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