C-Voter Survey: बिहार में जातीय गणना (Caste Survey) के बाद सियासी बवाल मचा है. एक तरफ सरकार और विपक्ष के नेताओं के बीच बयानबाजी हो रही है तो दूसरी ओर आम लोगों का भी आरोप है कि सर्वे की टीम उनके यहां गई ही नहीं. ऐसे में एक तरफ जहां आंकड़ों को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर नीतीश सरकार (Nitish Government) ने आनन-फानन में जातीय गणना क्यों कराई? आंकड़े जारी करने की मुख्य वजह क्या है? ऐसे सवालों को लेकर एबीपी न्यूज़ के सी वोटर सर्वे में चौंकाने वाले जवाब मिले हैं.


लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फायदा उठाना चाहती है सरकार?


दरअसल, सवाल किया गया था कि बिहार सरकार द्वारा जातिगत गणना कराना और उसके आंकड़े जारी करने की मुख्य वजह लोग क्या मानते हैं? इसमें 19 फीसद लोगों ने कहा कि जातियों की स्थिति को जानने की कोशिश की गई है. कमजोर वर्ग के लिए विकास योजनाएं बनाना इस पक्ष में 29 फीसद लोगों ने जवाब दिया है. इसके अलावा सबसे अधिक 37 फीसद लोग मानते हैं कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फायदा उठाना चाहती है सरकार. वहीं 6 फीसद लोग मानते हैं कि गठबंधन का दबाव है तो वहीं 9 फीसद लोगों ने यह जवाब दिया कि वे कुछ नहीं कह सकते हैं.



एक नजर में देखें सर्वे में लोग क्या मानते हैं



  • जातियों की स्थिति जानने की कोशिश- 19%

  • कमजोर वर्ग के लिए विकास योजनाएं बनाना- 29%

  • लोकसभा-विधानसभा चुनाव में फायदा उठाना- 37%

  • गठबंधन का दबाव- 6%

  • कह नहीं सकते- 9%


सात से आठ अक्टूबर तक किया गया है सर्वे


बता दें कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है. चुनाव से पहले जातिगत गणना का मुद्दा गर्म है. इस मुद्दे पर abp न्यूज़ के लिए C VOTER ने ऑल इंडिया सर्वे किया है. इस सर्वे में 5 हजार 121 लोगों की राय ली गई है. सर्वे 7 से 8 अक्टूबर तक किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसद है.


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