ABP Lok Sabha Chunav Survey 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर हर बार की तरह इस बार भी सबकी नजरें वीवीआईपी सीटों पर है. एबीपी न्यूज़ ने मंगलवार (26 दिसंबर) को सीवोटर के साथ बिहार की आठ वीवीआईपी सीटों का ओपिनियन पोल जारी किया. इनमें बेगूसराय, पाटलिपुत्र, बक्सर, हाजीपुर, जमुई, उजियारपुर, पूर्वी चंपारण और आरा शामिल है. सर्वे में 'येलो जोन' में पीएम मोदी (PM Modi) के पांच सांसद अटक गए. सर्वे में येलो जोन का मतलब है कि इस सीट से जो वर्तमान के सांसद हैं वो कम अंतर से आगे दिख रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि जमुई भी वीवीआईपी सीट है और यहां से सांसद चिराग पासवान का 2024 में क्या होगा? हारेंगे या जीतेंगे?
चिराग पासवान को लेकर सर्वे में हैरान करने वाली बात है कि आठ वीवीआईपी सीटों में सबसे आगे जमुई सांसद ही हैं. सर्वे में यह बात सामने आई है कि चिराग पासवान बड़े अंतर से जीतने वाले हैं. चिराग पासवान जमुई लोकसभा सीट से लगातार 2014 से सांसद बने हुए हैं. 2014 में पहली बार जमुई लोकसभा से वह सांसद बने थे. इसी सीट से दूसरी बार भी लोकसभा का चुनाव उन्होंने जीता था. अब तीसरी बार भी 2024 के लोकसभा चुनाव में एबीपी न्यूज़ के सी वोटर सर्वे के अनुसार उनकी जीत पक्की मानी जा रही है.
सबसे पहले समझें कैटेगरी और उसका मतलब
ग्रीन- बड़े अंतर से आगे
ऑरेंज- ठीक-ठाक अंतर से आगे
येलो- कम अंतर से आगे
लाल- खतरे में
आठ सीटों पर कौन किस जोन में है नीचे देखें
- गिरिराज सिंह- बेगूसराय- ऑरेंज
- रामकृपाल यादव- पाटलिपुत्र- रेड
- अश्विनी चौबे- बक्सर- येलो
- पशुपति पारस- हाजीपुर - येलो (एलजेपी-पारस)
- चिराग पासवान- जमुई- ग्रीन
- नित्यानंद राय- उजियारपुर- येलो
- राधामोहन सिंह- पूर्वी चंपारण- येलो
- आरके सिंह- आरा- येलो
भूदेव चौधरी को हराकर 2019 में दूसरी बार बने थे सांसद
चिराग पासवान पर पिछली बार 2019 में मोदी फैक्टर ने जमकर काम किया था. 2014 के मुकाबले 2019 में चिराग पासवान अच्छे मतों से चुनाव जीते थे. 2019 में उन्हें 5290134 वोट मिला था. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी भूदेव चौधरी जो रालोसपा के प्रत्याशी थे उन्हें 241049 मतों के अंतर से हराया था. भूदेव चौधरी को मात्र 288085 वोट ही प्राप्त हुआ था.
चिराग पासवान के वोट में लगातार इजाफा हुआ है. 2014 के मुकाबले चिराग पासवान 2019 में काफी आगे रहे. 2014 में चिराग पासवान को एक लाख से भी काम वोटों के अंतर से जीत मिली थी. उस वक्त मात्र 85947 वोटों से उन्होंने चुनाव जीता था. इसकी मुख्य वजह यह भी थी कि 2014 में सभी सीटों पर त्रिशंकु चुनाव हुए थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू अलग चुनाव लड़ रही थी तो आरजेडी-कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी. यही वजह थी कि चिराग पासवान को 2019 के मुकाबले 2014 में आधे वोट मिले थे. उन्हें 285354 वोट प्राप्त हुआ था जबकि उनके प्रतिद्वंदी आरजेडी के सुधांशु शेखर को 199407 वोट मिला था. तीसरे नंबर पर जेडीयू से उदय नारायण चौधरी रहे थे जिन्हें 198599 वोट प्राप्त हुए थे.
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