ABP Cvoter Survey: क्या JDU और RJD का विलय कर देना चाहिए? बिहार की जनता ने सर्वे में दिया ये जवाब
Abp Cvoter Survey News: बिहार में इस वक्त सत्तारूढ़ जेडीयू की आतंरिक हलचल ने राज्य का सियासी पारा हाई कर दिया है. इस घटनाक्रम के बीच एबीपी के लिए सीवोटर ने एक त्वरित सर्वे किया है.
Bihar News: बिहार की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है. जेडीयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के पद छोड़ने की चर्चा है. फिलहाल जेडीयू, आरजेडी के साथ बिहार में महागठबंधन की सरकार चला रही है. राज्य की जनता इस सियासी सरगर्मी के बीच क्या सोचती हैं? इसको लेकर एबीपी के लिए सीवोटर ने त्वरित सर्वे कराया है. इसमें पूछा गया कि क्या जेडीयू और आरजेडी का विलय कर देना चाहिए?
सर्वे में लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आई है. केवल 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल-यूनाइटेड यानी जेडीयू और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का विलय कर देना चाहिए. 36 फीसदी लोग इसके पक्ष में नहीं हैं. उनका मानना है कि बिहार में यह राजनीतिक विलय नहीं होना चाहिए. जबकि 32 फीसदी लोगों ने 'पता नहीं' में जवाब दिया है.
क्या जेडीयू और आरजेडी का विलय कर देना चाहिए?
हां-32 फीसदी
नहीं-36 फीसदी
पता नहीं-32 फीसदी
जेडीयू और आरजेडी का राजनीतिक गठजोड़
बिहार विधानसभा में आरजेडी के 79 विधायक हैं जबकि जेडीयू के 45 विधायक हैं. अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एकबार फिर एनडीए गठबंधन से अलग होकर आरजेडी के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई थी. उन्होंने 8वीं बार राज्य के सीएम के तौर पर शपथ ली जबकि आरजेडी के विधायक और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बनाया गया. उधर, दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद जब से नीतीश कुमार बिहार लौटे हैं उनकी पार्टी के अंदर बदलाव की अटकलें हैं. नीतीश कुमार ने इस बीच राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का एलान भी हो सकता है.
(Disclaimer: नीतीश कुमार की पार्टी में हलचल मची हुई है क्योंकि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के सूत्रधार रहे ललन सिंह के ही इस्तीफे की अटकलें हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपना मन बदल रहे हैं. राज्य के हालिया घटनाक्रम को देखते हुए एबीपी के लिए सीवोटर ने सर्वे कराया जिसमें बिहार के दो हजार से अधिक वोटरों ने हिस्सा लिया.)
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