Bihar News: नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लंबे समय से बिहार के सीएम की कुर्सी पर आसीन हैं. वो बीजेपी के साथ भी रहे. फिलहाल आरजेडी के साथ महागठबंधन सरकार की कमान संभाल रहे हैं. लेकिन इस बीच उनकी खुद की पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है. ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अटकलें हैं तो वहीं नीतीश कुमान ने आनन-फानन में दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. क्या नीतीश का अपनी पार्टी पर पकड़ कमजोर हो रहा है? आइए जानते हैं क्या कहते हैं एबीपी के लिए सीवोटर द्वारा कराए गए त्वरित सर्वे के नतीजे.


बिहार की जनता के बीच कराए गए सर्वे में 52 फीसदी ने माना कि नीतीश कुमार की अपनी पार्टी पर पकड़ ढीली पड़ गई है. जबकि 37 फीसदी को ऐसा नहीं लगता. वहीं 11 फीसदी लोगों ने 'पता नहीं' में जवाब दिया.


क्या लगता है नीतीश की पकड़ अपनी पार्टी पर कमजोर हो चुकी है  ?
 हां-52 फीसदी
नहीं-37 फीसदी
पता नहीं-11 फीसदी


बिहार में तीन प्रमुख पार्टियां बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू हैं. इन पार्टियों के समर्थक नीतीश कुमार के बारे में क्या राय रखते हैं. बीजेपी की बात करें तो इसके 73 फीसदी समर्थकों को लगता है नीतीश का जेडीयू पर पकड़ कमजोर हो रहा है, जबकि 16 फीसदी को ऐसा नहीं लगता. वहीं 11 फीसदी ने 'पता नहीं' में जवाब दिया. वहीं महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी के 43 फीसदी समर्थक मानते हैं कि नीतीश कुमार की अपनी पार्टी पर कमान ढीला पड़ने लगा है जबकि 51 फीसदी को ऐसा नहीं लगता, वहीं छह फीसदी ने 'पता नहीं' में जवाब दिया. अब खुद नीतीश की पार्टी के समर्थक क्या बोलते हैं? जेडीयू के 39 फीसदी समर्थकों का कहना है कि नीतीश की पार्टी पर पकड़ ढीली हो रही है, जबकि 49 फीसदी ने इसका जवाब नहीं में दिया और वहीं 12 फीसदी का जवाब 'पता नहीं' था. 


(Disclaimer: नीतीश कुमार की पार्टी में हलचल मची हुई है क्योंकि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के सूत्रधार रहे ललन सिंह के ही इस्तीफे की अटकलें हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपना मन बदल रहे हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को लेकर एबीपी के लिए सीवोटर ने त्वरित सर्वे कराया है. यह सर्वे बिहार के 2000 से अधिक वोटरों के बीच कराया गया है.)


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