C Voter Exit Poll: सी वोटर एग्जिट पोल में किस जाति ने जताया किस पर भरोसा, यहां देखिए बिहार का पूरा आंकड़ा
Exit Poll: एबीपी सी वोटर ने अपने एग्जिट पोल में बिहार की सीटों पर जाति के अनुसार जो अनुमानित आंकड़ा जारी किया है, इसमें भी एनडीए को बढ़त मिली है. देखिये किस गठबंधन को मिले कितने वोट.
CVoter Exit Poll: कहा जाता है कि देश की सियासत बिहार के रास्ते होकर गुजरती है और इस बार के लोकसभा चुनाव में भी देश के दो बड़े गठबंधन को बिहार से काफी उम्मीदें हैं. चुनाव के पहले और बाद में भी पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी जीत के दावे में लगे हैं. इस बीच मतगणना से पहले एबीपी सी वोटर ने अपना एग्जिट पोल जारी किया है, जिसमें बिहार में एनडीए कुछ नुकसान के बावजूद आगे है.
जाति के अनुसार मिले वोट में एनडीए आगे
सी वोटर के एग्जिट पोल के आंकड़े में बिहार में इंडिया गठबंधन को 40 सीटों में से तीन से पांच सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि एनडीए की बात करें तो बिहार में 40 सीटों में 34 से 38 सीटें मिलती दिख रही हैं. 2019 के चुनाव में एनडीए को 39 सीट पर जीत मिली थी, जबकि महागठबंधन को पिछले चुनाव में मात्र एक ही सीट मिली थी. इस बार बढ़त मिलती दिख रही है. सी वोटर ने अपने एग्जिट पोल में बिहार की सीटों पर जाति के अनुसार जो अनुमानित आंकड़ा जारी किया है, इसमें भी एनडीए को बढ़त मिली है.
सी वोटर के मुताबिक एनडीए को यादव जाति के 31%, इंडिया गठबंधन को 62% और अन्य को 7% वोट मिले हैं. वहीं एनडीए को कुशवाहा जाति के 69%, इंडिया गठबंधन को 25% और अन्य को 6% वोट मिले हैं, जबकि पासवान जाति के वोट एनडीए को 50%, इंडिया गठबंधन को 38% और अन्य को 12% मिले हैं. वहीं अपर कास्ट की बात करें तो राजपूत जाति के वोट एनडीए को 65%, इंडिया गठबंधन को 27% और अन्य को 8% मिले हैं. भूमिहार जाति के वोट एनडीए को 55%, इंडिया गठबंधन को 37% और अन्य को 8% मिले हैं, जबकि ब्राह्मण जाति के वोट एनडीए को 64%, इंडिया गठबंधन को 31% और अन्य को 5% मिले हैं.
तेजस्वी का ए-टू-जेड समीकरण नहीं चला?
आकड़ों के मुताबिक यादव जाति के वोट में एनडीए पिछड़ गया है, जबकि इंडिया गठबंधन को 62 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं कुशवाहा, पासवान, राजपूत, भूमिहार और ब्राह्मण के वोट हासिल करने में एनडीए आगे रहा. इंडिया गठबंधन यहां पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है. बता दें कि बिहार में बीजेपी का सबसे बड़ा सपोर्ट एससी, अपर कास्ट और ओबीसी का ही होता है, लेकिन ओबीसी में यादव जाति का वोट इस बार एनडीए को मिलता हुआ नहीं दिख रहा है. वहीं ए-टू-जेड की बात करने वाले तेजस्वी यादव को सिवाए अपने कोर वोटर के अलावा किसी जाति के वोट मिलते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.
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