पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बेटे संतोष मांझी (Santosh Manjhi) ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याणा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. इसको लेकर महागठबंधन में कई सवाल उठने लगे हैं. कयास लगाया जा रहा है कि जीतन राम मांझी एनडीए में शामिल हो सकते हैं. वहीं, 'हम' के इस फैसले को महगठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है. मांझी का अलग होना क्या नीतीश के लिए झटका है? इसको लेकर सी वोटर (C Voter Survey) ने सर्वे कराया है.
24% लोगों को इस मुद्दे पर जवाब पता नहीं
'हम' प्रमुख संतोष मांझी के फैसले से नीतीश कुमार को कितना नुकसान होगा? इस पर सी वोटर ने सर्वे कराया है. जिसमें 43% लोगों ने महागठबंधन में नुकसान होने की बात कही है. 33% लोगों ने महागठबंधन में कोई नुकसान नहीं होने की बात कही है. वहीं, 24% लोगों ने इस मुद्दे पर पता नहीं में जवाब दिया है.
संतोष मांझी ने दे दिया था इस्तीफा
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के नीतीश कुमार के प्रयासों को मंगलवार को झटका लग गया. पटना में 23 जून को महागठबंधन की बैठक होने वाली है. इसमें ज्यादातर पार्टियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा था. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री संतोष मांझी ने मंत्री पद से मंगलवार (13 जून) को इस्तीफा दे दिया है. वह जीतन राम मांझी के बड़े बेटे हैं. 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हुए. इसमें हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी नीतीश कुमार के साथ रही और संतोष मांझी ने दूसरी बार मंत्री पद की शपथ ली थी. इसी साल (2023) उन्हें अपनी पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है.
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