ABP Positive Story: मिट्टी के घड़े और पेंट की बाल्टी से बनाएं कूलर, कम खर्च में मिलेगा गजब का फायदा
इस कूलर से ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में काम करने और घरों में काम करने वाली महिलाओं के लिए यह फायदेमंद साबित होगा. भोपाल में हुए राष्ट्रीय स्तर के साइंस सेमिनार में इसकी सराहना हुई थी.
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गयाः कहते हैं कि मेहनत और संकल्प अगर दोनों एक साथ हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है. इसी दृढ़ निश्चय के साथ चंदौती उच्च विद्यालय की शिक्षिका सुष्मिता सान्याल ने मिट्टी के घड़े से कूलर बनाया है जिसकी खूब चर्चा हो रही है. भोपाल में राष्ट्रीय स्तर के साइंस सेमिनार में इस कूलर की सराहना हुई थी.
इस कूलर को बनाने वाली शिक्षिका सुष्मिता सान्याल बताती हैं कि घर में पड़े मिट्टी के घड़े, प्लास्टिक के पेंट की बाल्टी का इस्तेमाल कर सिर्फ 400 से 500 रुपये खर्च कर एक अच्छा कूलर बनाया जा सकता है. इस कूलर में काफी कम ऊर्जा की जरूरत होती है. यह ईको फ्रेंडली भी है.
इस तरह से काम करता है देसी कूलर
सुष्मिता बताती हैं कि इस घड़ा वाले कूलर में एक बाल्टी में घड़ा रखकर उसमें पानी भर दिया जाता है और घड़ा में एक मोटर लगा है जो बाल्टी के अंदर के हिस्से में ऊपर से पानी गिराता रहता है, घड़ा का पानी ठंडा रहता है. जैसे ही फैन चलता है. फैन घड़े के पानी की नमी को ऑब्जर्व करता है और बाहर के छिद्र से हवा फेंकता है.
सुष्मिता ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में काम करने और घरों में काम करने वाली महिलाओं के लिए यह कूलर फायदेमंद साबित होगा. भोपाल में हुए राष्ट्रीय स्तर के साइंस सेमिनार में इस कूलर की काफी सराहना हुई थी. प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौधोगिकी और नवाचार सलाहकार द्वारा अवॉर्ड और फेलोशिप प्रदान की गई है.
बताया जाता है कि देश से 60 प्रोजेक्ट का चयन किया गया था. उन्हें एक साल के लिए नेशनल फेलोशिप प्रदान किया गया है. वहीं पूर्व से जैविक खाद पर कार्य कर चुकी हैं. कहा कि अब वे कचरा से ऊर्जा तैयार करने पर शोध कर रही हैं.
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