पटना: शिक्षा विभाग (Education Department) के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) शुक्रवार को छुट्टी से वापस आ गए और आते ही दूसरे दिन शनिवार को एक्शन में दिखे. उन्होंने शीतलहर में स्कूलों को बंद करने के आदेश पर बड़े फैसले लेते हुए जिले के डीएम को स्कूलों को बंद किए जाने के आदेश पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है. इसके लिए केके पाठक ने पत्र जारी करते हुए लिखा है कि अगर आप स्कूलों की छुट्टी या समय अवधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकलते हैं  तो पहले शिक्षा विभाग की अनुमति अवश्य प्राप्त कर ली जाए, बात-बात पर विद्यालय को बंद रखने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए.


सभी प्रमंडल आयुक्तों को भेजा पत्र


केके पाठक ने राज्य के सभी प्रमंडल आयुक्तों को यह लेटर भेजा है, जिसमें ठंड की छुट्टी पर धारा 144 को लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने लिखा है कि पिछले दिनों ठंड को लेकर विभिन्न प्रमंडलों और जिलों में कई तरह के आदेश निर्गत किया गया है, जिसमें धारा 144 के तहत विद्यालयों को बंद किया गया है, जो गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है. उन्होंने कानून की धारा 144 के बारे में जानकारी देते हुए लिखा है कि यह ख्याल रखना चाहिए कि 144 धारा की आवाहन करते हैं तो यह न्यायिक आदेश समान स्थिति में समान रूप से लागू होना चाहिए.


 कोचिंग संस्थानों के खुला रहने पर जताया ऐतराज 


शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने पत्र में लिखा कि चूंकि दंडाधिकारी का आदेश धारा 144 जिस तरह से पारित किया गया है उसमें सिर्फ स्कूलों को बंद किया गया है, लेकिन अन्य संस्थानो और अन्य मामलों का जिक्र नहीं किया गया है. उदाहरण स्वरूप कोचिंग संस्थान, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकान, व्यावसायिक संस्थाओं इत्यादि  की गतिविधियों को बंद करने या समय अवधि नियंत्रित नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में संबंधित जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि यह कैसी ठंड और शीतलहर है जो सिर्फ केवल विद्यालयों में ही गिरती है? और कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है. जबकि कोचिंग संस्थानों में कक्षा चार से लेकर कक्षा 12 तक के बच्चे पढ़ने जाते हैं.




'पहले शिक्षा विभाग की अनुमति प्राप्त कर ली जाए'


सीनियर आईएएस ने जिला प्रशासन को सुझाव देते हुए लिखा है कि जब ठंड या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकलते हैं तो वह पूरे जिले में पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए. इस प्रकार के आदेश निकलते समय कृपया एकरूपता एवं समरूपता का ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने लिखा कि उपरोक्त आलोक में अनुरोध है कि पिछले दिनों आपकी सभी जिलों में इस प्रकार का आदेश भी निकला है उसे वापस लिया जाए. जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है तो शिक्षा विभाग ने विद्यालय की समय अवधि सुबह 9:00 बजे से 5:00 बजे तक रखी है. इस समय अवधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकलता है तो पहले शिक्षा विभाग की अनुमति प्राप्त कर ली जाए. बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए.


कई जिलों में जिलाधिकारी जारी किए पत्र


हालांकि केके पाठक के आदेश के बाद लखीसराय सहित कई जिलों के जिलाधिकारी ने तुरंत आदेश पत्र जारी करके विद्यालयों को खोलने का आदेश दे दिया है. हालांकि नालंदा जिलाधिकारी ने कल 20 जनवरी को ही 23 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया है तो गया जिला में 19 जनवरी को आदेश जारी किया गया था कि 24 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे. इन दोनों जिलों में अभी तक आदेश वापस नहीं लिया गया है. संभवत कल 22 जनवरी तक सभी स्कूलों के छुट्टी के आदेश वापस लिए जाने की उम्मीद दिख रही है.


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