सीतामढ़ी: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बिहार में कहर बरपा रही है. सरकार स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर स्थिति से निपटने का हर संभव प्रयास कर रही है. सरकार का फोकस रोजाना अधिक से अधिक कोरोना जांच कराने पर है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही की वजह से सरकार का टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. 


नौ सीएचसी प्रभारियों के खिलाफ की कार्रवाई

ताजा मामला बिहार के सीतामढ़ी जिले का है, जहां लक्ष्य से कम जांच करने पर सीएस ने नौ सीएचसी प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. कई दिनों तक जांच लक्ष्य के अनुरूप नहीं होने पर सीएस ने नौ प्रभारियों के एक दिन के वेतन कटौती करने का आदेश जारी किया है. साथ 15 दिनों के अंदर टारगेट पूरा नहीं होने की स्थिति में वेतन बंद करने की चेतावनी दी है. इस बाबत सीएस ने पत्र जारी किया है.


बता दें कि संबंधित सीएचसी प्रभारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी में लगातार लक्ष्य से कम जांच करना काम के प्रति उदासीनता को दर्शाता है. इसलिए सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. 


सीएस ने किया जवाब तलब

जिन सीएचसी प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें क्रमशः बैरगनिया, बोखरा, चोरौत, मेजरगंज, परिहार, परसौनी, रीगा, सोनबरसा व सुप्पी शामिल है। सीएस ने उक्त सीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक के अप्रैल के वेतन से 10 फीसद की कटौती करने को कहा है.


साथ ही उक्त सभी सीएचसी प्रभारी और प्रबंधकों से इस आशय का जवाब-तलब किया गया है. उनसे पूछा गया है कि लगातार फोन पर दिए जा रहे निर्देश के बावजूद कोविड -19 की जांच लक्ष्य के अनुरूप क्यों नहीं की जा रही है? निर्धारित अवधि में जवाब नहीं देने पर कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों से अनुशंसा करने की चेतावनी भी दी गई है. 


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