CCA on Wine Mafia: बिहार के सीवान, गोपालगंज और छपरा में हाल ही में जहरीली शराब पीने से 30 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अब बड़ा कदम उठाया जा रहा है. पटना पुलिस (Patna Police) शराब के अवैध तरीके से कारोबार में शामिल संदिग्धों के खिलाफ सख्त अपराध नियंत्रण अधिनियम (सीसीए) के तहत कार्रवाई पर विचार कर रही है. बिहार में उन संदिग्धों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिन्हें राज्य के शराबबंदी कानून के उल्लंघन के सिलसिले में पहले गिरफ्तार किया गया था और वे जमानत पर बाहर हैं.


पुलिस अधीक्षक (पटना-पूर्व) के कार्यालय ने बुधवार (23 अक्टूबर) को एक बयान जारी कर सभी थाना अध्यक्षों को शराबबंदी कानून के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों पर नजर रखने का निर्देश दिया. कहा गया, "जिले के सभी थानाध्यक्षों को आरोपियों के खिलाफ निवारक कार्रवाई के रूप में सीसीए लगाने से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए. शराबबंदी कानून के उल्लंघन में शामिल सभी आरोपी, जो जमानत पर बाहर हैं, उनका सत्यापन किया जाना चाहिए."


बयान में कहा गया है कि यह कदम जिले में शराब की बिक्री और निर्माण को रोकने के लिए एक निवारक उपाय के रूप में उठाया जा रहा है. सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया जाता है कि वे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कड़े प्रावधानों के तहत इन मामलों के आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करें. यदि आरोपियों पर पीएमएलए के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाता है, तो अधिकारी उनकी चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी शुरू करें.


पटना एसएसपी ने क्या कहा?


पटना जिला पुलिस के कदम पर पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि शराबबंदी कानूनों का उल्लंघन करने वाले आरोपियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव उन्हें एक निश्चित अवधि के लिए निवारक हिरासत में रखने के लिए है. वह इसलिए ताकि शराबबंदी कानून का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. 


बता दें कि बिहार में पिछले सप्ताह सीवान, छपरा और गोपालगंज जिलों में जहरीली शराब पीने से करीब 37 लोगों की मौत के बाद पटना पुलिस की ओर से यह कदम उठाया गया है. इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. 


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