पटना: आरएलएसपी का जेडीयू में विलय करा कर हाल ही में घर वापसी करने वाले उपेंद्र कुशवाहा को बुधवार को राज्यपाल कोटे से विधान पार्षद पद पर मनोनीत किया गया. एमएलसी बनाए जाने के बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और अपने मित्र नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, " मैं अपने बड़े भाई नीतीश कुमार को धन्यवाद देता हूं."


उन्होंने कहा कि बाकी के सदन में मैं मेम्बर रहा हूं और वहां काम करके जो कुछ भी अनुभव प्राप्त किया है, विधान परिषद में उन अनुभवों का इस्तेमाल कर बिहार की जनता का जितना भला हो सकेगा, वो मैं करूंगा. वहीं, मांझी की नाराजगी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, " मुझे अभी उनकी नाराजगी के बारे में नहीं पता है. उसपर कोई बात होगी, तभी मैं बता पाऊंगा."


मांझी की मांग पर कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन के समय उनसे क्या बात हुई थी, मुझे मालूम नहीं है. अब मांझी जी बोल रहे हैं, तो जबतक मैं तथ्यों को जान नहीं लेता, तबतक इसपर टिप्पणी करना उचित नहीं है.


जेडीयू नेता ने कहा कि मैंने फैसला लिया था कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही आगे की राजनीति करनी है. अब आगे कोई इच्छा नहीं है. पार्टी और जनता की हित में मुख्यमंत्री को जो सही लगेगा, मुझे वो वही जिम्मेदारी सौंपेंगे. उनको जो अच्छा लगेगा वो करेंगे और उसी के अनुसार हम अपना काम करेंगे.


बिहार सरकार में मंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई मंत्री बनने की बात नहीं है. मंत्री बनकर ही सब काम करे ये जरूरी नहीं है. अपने तरीके से भी काम हो सकता है. अभी हमारा एक ही एजेंडा है, जेडीयू को फिर से नंबर वन पार्टी बनाने का. हम उसी काम में लगे हुए हैं. बाकी, नीतीश जी की इच्छा के अनुसार काम होगा.