Bihar Politics: अब तिरहुत स्नातक चुनाव में किसका खेल बिगाड़ेंगे प्रशांत किशोर, क्या निशाने पर हैं CM नीतीश?
Prashant Kishor: बिहार में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव होना है. इसके लिए एनडीए और महागठबंधन के साथ-साथ पीके की जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी विनायक गौतम भी चुनाव मैदान में है.
Tirhut Graduate Election: बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर एनडीए की जीत हुई तो तो चारों सीट पर जीत का दावा करने वाले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की पार्टी चारों खाने चित हो गई और सभी सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन यह बात भी सच है कि प्रशांत किशोर ने अपना जलवा दिखाया और और महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया, जिसमें आरजेडी की दो सिटिंग सीटें बेलागंज और रामगढ़ हाथ से निकल गई तो भाकपा माले को सीटिंग सीट तरारी पर भी हर का सामना करना पड़ा.
5 दिसंबर को होगा तिरहुत स्नातक चुनाव
अब इसके बाद बिहार में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव होना है. आगामी 5 दिसंबर को चुनाव होंगे. इसके लिए कई प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें एनडीए और महागठबंधन के साथ-साथ पीके की जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी विनायक गौतम भी चुनाव मैदान में है. प्रशांत किशोर इस चुनाव में अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं. वो लगातार प्रचार अभियान कर रहे है और सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं .
प्रशांत किशोर ने मुजफ्फरपुर में अपने एक बयान में कहा कि हम 2 वर्ष से पैदल चल रहे हैं, जितने भी शिक्षक हमसे मिले हैं, उसने अपनी गुहार यही लगाई है कि 10 वर्ष में अगर सबसे ज्यादा किसी ने शिक्षकों को सताया है तो वह नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन अभी जब चुनाव होगा तो शिक्षक जो नियोजित है या प्रायोजित हैं, वह भूल जाएंगे. डाकबंगला पर उन पर लाठी चली थी, वह भूल जाएंगे. अभी जाति के नाम पर, धर्म के नाम पर कौन नेता जी हैं, इस पर जाकर फिर नीतीश कुमार को वोट दे देंगे. फिर चुनाव के अगले दिन जब मुझसे मिलेंगे तो बोलेंगे आवाज उठाइए हमारे लिए’. आगे प्रशांत किशोर ने कहा, जो आदमी खुद अपनी जिंदगी नहीं सुधारना चाहता है, उसका कौन भला कर सकता है?
प्रशांत किशोर के बयान से उपचुनाव नहीं जीतने की खीज भी नजर आ रही है, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारे हैं और तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से डट कर मुकाबला कर रहे हैं. अब इससे साफ है कि उपचुनाव की तरह इस चुनाव में भी कहीं ना कहीं वह किसी का खेल बिगाड़ सकते हैं. इस क्षेत्र से पहले देवेश चंद्र ठाकुर जीतते आए हैं. सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. अब इस पर जेडीयू ने अभिषेक झा को उम्मीदवार बनाया है तो प्रशांत किशोर का सीधा-सीधा निशाना नीतीश कुमार के प्रत्याशी पर है. हालांकि चुनाव में आरजेडी से गोपी किशन भी प्रत्याशी हैं तो चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टि रामविलास के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश रोशन भी चुनाव मैदान में हैं, जो पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं.
जनसुराज से विनायक गौतम हैं प्रत्याशी
प्रशांत किशोर ने तिरहुत स्नातक के लिए अपनी पार्टी से विनायक गौतम को प्रत्याशी बनाया है, जो पेशे से डॉक्टर हैं और मूल रूप से मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. उनकी बड़ी पहचान है. प्रशांत किशोर इस फिराक में हैं कि अगर उपचुनाव नहीं जीते तो कम से कम विधान पार्षद के चुनाव में जीत हो, इससे पहले भी उनके अभियान से जुड़ने वाले आफाक अहमद जो 2023 में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और प्रशांत किशोर के नाम पर चुनाव जीत गए थे. उस वक्त प्रशांत किशोर जनसुराज अभियान में पदयात्रा पर थे और अफाक अहमद उनके साथ-साथ घूम रहे थे और उनको इसका लाभ मिला था, लेकिन पार्टी बन जाने के बाद उपचुनाव में पीके की पार्टी जीत नहीं दर्ज कर पाई. अब देखना ये है कि तिरहुत स्नातक क्षेत्र के चुनाव में किसी का खेल बिगाड़ेंगे या खुद जीत दर्ज करेंगे.
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