जहानाबाद: कोरोना टेस्टिंग में कथित फर्जीवाड़े की खबर सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को पटना से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जहानाबाद सदर अस्पताल में कोरोना टेस्टिंग से जुड़े मामले की तहकीकात की. साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की भी पड़ताल की. स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख नवीन चंद्र ने सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं सहित कोरोना जांच और वैक्सीनेशन का निरीक्षण किया.


आरटीपीसीआर जांच की ली जानकारी

निरीक्षण के क्रम में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने सदर अस्पताल में की जा रही आरटीपीसीआर जांच की अपडेटेड जानकारी ली. निदेशक प्रमुख ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मास्क और हैंड ग्लव्स पहनने का निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल में रहने वाले सभी कर्मचारी को इसे पहनना जरूरी है.


निरीक्षण के दौरान कई अधिकारी रहे मौजूद

वहीं, उन्होंने कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पर संतोष जताते हुए कहा कि कई अन्य जिलों  के मुकाबले जहानाबाद  सदर अस्पताल में कोरोना के मामलों का सही से जांच और वैक्सीनेशन किया जा रहा है. निदेशक प्रमुख के निरीक्षण के दौरान प्रभारी सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद थे.


बहरहाल सूबे में कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े की खबर सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य निदेशक के निरीक्षण को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, जहानाबाद में अब तब कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े की कोई खबर सामने नहीं आई है.


क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि बिहार सरकार पर कोरोना काल में फर्जी नाम और नम्बर दर्ज कर कोविड टेस्ट की संख्या बढ़ाने का आरोप लगा है. दरसअल, इंडियन एक्सप्रेस ने बिहार के जमुई, शेखपुरा और पटना के छह पीएचसी में कोविड टेस्ट के 885 एंट्री की जांच की है. इस दौरान खुलासा हुआ कि जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, उनमें से अधिकतर मरीजों का मोबाइल नंबर गलत लिखा गया है. हालांकि, इस मामले में कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 10 लोगों को निलंबित कर दिया है.


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