औरंगाबादः कोरोना से वृद्ध दंपति की मौत, दिल्ली से पहुंचा बेटा; अंतिम संस्कार करने से किया इन्कार
शव को उठाने के लिए शहर के एक डॉक्टर से बात की गई. उन्होंने गंभीरता से लेते हुए चार स्टाफ को तैयार किया और सुरक्षा के साथ पहुंचे. इसके बाद महिला का अंतिम संस्कार किया गया.
औरंगाबादः शहर के वार्ड नंबर 12 के चितौड़ नगर में कोरोना की चपेट में आकर 36 घंटे के अंदर एक वृद्ध दंपति की मौत हो गई. दरअसल, बीते शनिवार की शाम सबसे पहले एक वृद्ध महिला की मौत हुई थी. लोगों को इसकी जानकारी हुई लेकिन कोई शव के पास नहीं जा रहा था. मौत की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे रेडक्रॉस चेयरमैन सतीश कुमार सिंह ने परिजनों की तलाश की मगर कोई आगे नहीं आया.
सबसे बड़ी समस्या थी कि बिना कोरोना जांच के शव कैसे उठाया जाए. इसके लिए शहर के एक डॉक्टर जनमेजय से बात की गई. उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए अपने नर्सिंग होम के चार स्टाफ को तैयार किया और सुरक्षा के साथ पहुंचे. उन्होंने मृत वृद्ध महिला और उसके पति की कोरोना जांच की जिसमें दोनों पॉजिटिव निकले.
वृद्ध को कोविड केयर सेंटर में कराया गया था भर्ती
वृद्ध के पॉजिटिव आने के बाद सदर प्रखंड स्थित कोविड केयर सेंटर में एडमिट कराया गया. वहीं, महिला के शव को डॉ. जनमेजय और उनके सहयोगियों ने उठाया और दोमुहान घाट पर अंतिम संस्कार किया. जनमेजय के इस नेक कार्य लिए लोगों ने उन्हें न सिर्फ बधाई दी बल्कि उन्हें फरिश्ता बताया जिसने अपनी परवाह किए अंतिम संस्कार कराया.
इधर सोमवार की सुबह अस्पताल में भर्ती वृद्ध ने भी दम तोड़ दिया. मौत की खबर सुनकर दिल्ली में रह रहे उनका एक बेटा सूचना पर पहुंचा. मौके पर पहुंचे रेडक्रॉस चेयरमैन सतीश कुमार सिंह ने उनके पुत्र को काफी समझाया मगर वह शव उठाने के लिए तैयार नहीं हुआ. बेटे ने चेयरमैन से ही अपने पिता की अंतिम संस्कार कराने के लिए कहा. इसके बाद चेयरमैन की पहल पर वृद्ध का दाह संस्कार कराया गया.
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