RCP Singh New Challenge In Bihar Politics: बिहार की राजनीति में मजबूत पिलर की तरह खड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कभी करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अब नई पारी खेलने के लिए रैयार हैं. उन्होंने नई पार्टी 'आप सबकी आवाज' बनाकर न सिर्फ अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है बल्कि 140 सीटें भी तय की हैं. हालांकि उनका पहला फोकस अपने संगठन को मजबूत करने पर है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 2025 में जेडीयू के लिए ये परेशानी का सबब बन सकते हैं.
नीतीश के शराबबंदी कानून को ठहराया गलत
नीतीश कुमार से अनबन के बाद आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल हो गए थे और फिर बीजेपी से दरकिनार होने के बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. पार्टी का ऐलान करने के बाद जिस तरह से उन्होंने परोक्ष रूप से नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून और बिहार में शिक्षा की खराब स्थिति पर सवाल उठाए, उससे साफ है कि राजनीति में उनके निशाने पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ही रहेगी. नीतीश कुमार और आरसीपी दोनों ही नालंदा जिले से आते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं 2025 में आरसीपी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के लिए चुनौती बनेंगे.
चर्चा यह भी है कि आरसीपी उन्हीं सीटों पर निशाना साध सकते हैं, जिन पर जेडीयू अपने उम्मीदवार उतारेगी. पिछले चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़कर जेडीयू को नुकसान पहुंचाया था. अब आरसीपी सिंह ने पार्टी बना कर अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. वो भी बिहार के विकास की बात कर रहे हैं. दिवाली के दिन अपनी पार्टी का ऐलान कर बिहार की राजनीति में उन्होंने हलचल मचा दी है. माना जा रहा है कि सिंह की पार्टी सिर्फ नीतीश कुमार को ही नहीं कई अन्य पार्टियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
पुरानी पार्टियों के लिए आरसीपी नई चुनौती
वहीं बिहार में इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज जैसी नई पार्टी भी पुराने दलों को टक्कर देने के लिए मैदान में उतर चुकी है. प्रशांत किशोर की पार्टी से पहले ही आरजेडी और जेडीयू डरी हुई थी, अब आरसीपी ने भी अपनी पार्टी का ऐलान कर पुरानी पार्टियों के लिए नई चुनौती पैदा कर दी है. खास कर नीतीश कुमार के लिए, जो बिहार में विकास के नाम से जाने जाते हैं और ये तमाम नई पार्टियां नीतीश की जेडीयू को ही टक्कर देने में जुटी हैं. इनका मानना है कि बिहार में मेन मुकाबला एनडीए से है.