पटना: बिहार के सिवान संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद और आरजेडी के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को सोमवार को दिल्ली के आईटीओ कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. हालांकि, इससे पहले काफी विवाद हुआ. कथित तौर पर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर तेजस्वी पर निशाना साधा गया. वहीं, कुछ समर्थकों ने दिल्ली के डीडीयू अस्पताल के बाहर से फेसबुक लाइव कर नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधा. 


तेजस्वी ने रखा अपना पक्ष


विवाद बढ़ता देख तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और जारी विवाद पर अपना पक्ष रखा.  उन्होंने लिखा, " हम ईश्वर से मरहूम शहाबुद्दीन साहब की मगफिरत की दुआ करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उन्हें जन्नत में आला मकाम मिले. उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है. आरजेडी उनके परिवार वालों के साथ हर मोड़ पर खड़ी रही है और आगे भी रहेगी."


 






तेजस्वी ने लिखा, " इलाज़ के सारे इंतज़ामात से लेकर मय्यत को घरवालों की मर्जी के मुताबिक उनके आबाई वतन सिवान में सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के लिए मैंने और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वयं तमाम कोशिशें की, परिजनों के सम्पर्क में रहें, लेकिन सरकार ने हठधर्मिता अपनाते हुए टाल-मटोल कर आख़िरकार इजाज़त नहीं दिया."


 






उन्होंने लिखा, " अंत तक शासन-प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर अड़ियल रुख बनाए रखा. पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस प्रशासन उन्हें कहीं और दफनाना चाह रही थी. लेकिन काफी कोशिशों के बाद कमिशनर से बात कर परिजनों द्वारा दिए गए दो वैकल्पिक स्थानों में से एक आईटीओ कब्रिस्तान की अनुमति दिलाई गयी. ईश्वर मरहूम को जन्नत में आला मकाम दें और मगफिरत फरमाए."


बता दें कि कथित तौर पर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया था, जिसमें कहा गया था, " अगर हमारे अब्बू डॉ. शहाबुद्दीन साहब अपनी जन्मभूमि सिवान में दफन नहीं हुए तो तेजस्वी यादव की राजनीति हमेशा के लिए जमीन में दफन हो जाएगी, इंशाअल्लाह." इस ट्वीट के बाद लगातार एक दर्जन के करीब ट्वीट किए गए, जिससेे अकाउंट की सत्यता पर सवाल खड़े होने लगे. 


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